नई दिल्ली: बाजार के जानकारों का कहना है कि जल्द ही बाजार में फिर रौनक लौट सकती है।
देशभर के बाजारों में महंगाई का दौर चल रहा है। वहीं, भारत में भी पेट्राेलियम पदार्थों के दाम बढ़ने के चलते माल भाड़ा काफी बढ़ गया है।
यही वजह है कि बाजारों हर चीज के रेट आसमान छू रहे हैं। हालांकि देशभर तेल बाजार में अभी काफी राहत है।
आज यानी 6 अप्रैल को भी पिछले पांच दिनों से सरसों के तेल (Mustard Oil Price) के भाव 157 रुपये प्रति लीटर पर टिके हुए हैं। हालांकि इससे पहले मार्च में औसतन सरसों के तेल के रेट 153 रुपये तक जा पहुंचे थे।
वहीं 2021 में सरसों का तेल सर्वाधिक रेट 210 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए थे। उसके मुकाबले अभी बाजार में सरसों के तेल के भाव 53 रुपये कम हैं।
उस लिहाज से बात करें तो अभी सरसों के तेल के दामों में 50 रुपये से ज्यादा की गिरावट है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले सप्ताहों में भी दामों में गिरावट जारी रह सकती है।
वहीं बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि अगले दो-तीन सप्ताह में सरसों के तेल रेट 150 रुपये से नीचे जा सकते हैं।
वहीं विपक्ष का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के साथ पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के कारण सरकार ने महंगाई बढ़ने नहींं दी। अगर ऐसा होता तो भाजपा को नुकसान हो सकता था। लेकिन, अब चुनाव के बाद महंगाई आसमान छू रही है।
बाजार में सर्वाधिक सरसों के तेल के रेट आज 6 अप्रैल को भी लगातार पांचवें दिन 168 रुपये प्रति लीटर पर खुले हैं। जबकि 1 अप्रैल को 172 रुपये प्रति लीटर थे।
वहीं 31 मार्च को 169 रुपये प्रति लीटर थे। इसी तरह 30 मार्च को 167 रुपये, 29 मार्च को169 रुपये, 27 और 28 मार्च को 168 रुपये प्रति लीटर, 26 मार्च को 170 रुपये, 25 मार्च को 167 रुपये और 24 मार्च को 165 रुपये प्रति लीटर दर्ज किए गए थे।
आने वाले सप्ताहों में भी दामों में गिरावट जारी रह सकती है
सरसों तेल दादरी- 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,375-2,450 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,425-2,525 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,750 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,400 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 14,100 रुपये।