HomeUncategorizedसुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या के आरोपी की फांसी की सजा...

सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या के आरोपी की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला

Published on

spot_img

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने चार वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के आरोपित को मिली फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह आदेश दिया।

घटना 17 अप्रैल 2013 की मध्यप्रदेश की है। शाम को राकेश चौधरी नामक व्यक्ति साढ़े छह बजे बच्ची की मां के घर एक अनजान व्यक्ति के साथ पहुंचा।

राकेश ने अनजान व्यक्ति को एक दिन बच्ची की मां के घर रहने देने की गुजारिश की जिसे बच्ची की मां ने ठुकरा दिया।

राकेश चौधरी तो बच्ची की मां के घर से चला गया, लेकिन उसका अनजान मित्र बच्ची की मां के घर के बरामदे में बैठा रहा जहां उसकी चार वर्षीय बेटी अपने दूसरे भाई-बहनों के साथ खेल रही थी।

कुछ देर के बाद बच्ची की मां ने देखा कि उसकी बेटी गायब हो गई है और अनजान व्यक्ति भी वहां मौजूद नहीं है। उसने अपनी बच्ची को खोजने की काफी कोशिश की लेकिन वो नहीं मिली।

देर के बाद बच्ची का एक भाई आया और बोला कि बच्ची को अनजान व्यक्ति अपने साथ लेकर गया है।

बच्ची की मां पुलिस के पास गई और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अगले दिन ग्रामीणों ने बच्ची को गांव के एक खेत में बेहोशी की हालत में देखा।

आरोपित को सुधरने का एक मौका दिया जाना चाहिए

खेत में जाकर देखने पर बच्ची के मुंह और नाक से खून बहते हुए पाया गया। बच्ची की मां सबसे पहले थाने गई जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया।

घनसौर के अस्पताल ने बच्ची की स्थिति खराब होने पर जबलपुर के अस्पताल में रेफर कर दिया। डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि की।

बच्ची की स्थिति और बिगड़ने पर उसे नागपुर के केयर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बच्ची ने 29 अप्रैल 2013 को दम तोड़ दिया।

बच्ची के शव का पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बच्ची के साथ दुष्कर्म के साथ-साथ उसके आंतरिक जख्म भी थे, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई। उसके बाद मामले की तहकीकात हुई और राकेश चौधरी के अलावा मुख्य आरोपित फिरोज की गिरफ्तारी की गई।

ट्रायल कोर्ट ने फिरोज को फांसी की सजा सुनाई थी। जबलपुर हाईकोर्ट ने भी फिरोज की फांसी की सजा पर मुहर लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने बिना किसी संदेह के अपराध साबित किया है।

कोर्ट ने ऑस्कर वाइल्ड का जिक्र करते हुए कहा कि संत और पापी में एक ही अंतर होता है कि हर संत का इतिहास होता है और हर पापी का भविष्य। ऐसे में आरोपित को सुधरने का एक मौका दिया जाना चाहिए।

spot_img

Latest articles

कांके में गैरमजरुआ जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत, DC मंजूनाथ भजन्त्री ने दिए मापी के आदेश

Jharkhand News: रांची के कांके अंचल के मौजा रेंडो में गैरमजरुआ जमीन पर अवैध...

रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर का लोकार्पण 3 जुलाई को, नितिन गडकरी करेंगे उद्घाटन

Jharkhand News: रांची के रातू रोड पर 558 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित...

दो महिलाओं ने फंदे से झूलकर की आत्महत्या, पुलिस ने चिता से उठाकर शव…

Jharkhand News: पलामू जिले में मंगलवार को दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दो महिलाओं...

भारतीय रेलवे का RailOne सुपर ऐप लॉन्च, टिकट, PNR, खाना और शिकायत एक जगह

Indian Railway App Launch: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने 1 जुलाई को रेल मंत्री...

खबरें और भी हैं...

कांके में गैरमजरुआ जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत, DC मंजूनाथ भजन्त्री ने दिए मापी के आदेश

Jharkhand News: रांची के कांके अंचल के मौजा रेंडो में गैरमजरुआ जमीन पर अवैध...

रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर का लोकार्पण 3 जुलाई को, नितिन गडकरी करेंगे उद्घाटन

Jharkhand News: रांची के रातू रोड पर 558 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित...

दो महिलाओं ने फंदे से झूलकर की आत्महत्या, पुलिस ने चिता से उठाकर शव…

Jharkhand News: पलामू जिले में मंगलवार को दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दो महिलाओं...