नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने विदेशों से चंदा लेने के लिए एफसीआरए (FCRA) में केंद्र सरकार की ओर से किए गए बदलाव को सही ठहराया है।
जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि विदेश से चंदा पाना कोई ऐसा अधिकार नहीं है जिस पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।
कोर्ट ने कहा कि विदेशी चंदे का अनियंत्रित प्रवाह राष्ट्र की संप्रभुता, अखंडता और आम जनता के हितों के प्रतिकूल हो सकता है।
संसद को इसका श्रेय दिया जाना चाहिए कि पुराने कानून में उन कमियों को दूर करने के लिए सही कदम उठाए, जिसे कोई भी संप्रभु देश बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
एफसीआरए में हुए बदलाव को सही ठहराते हुए कोर्ट ने गैर सरकारी संगठनों को भी नसीहत दी कि वे विदेशी चंदे की बजाय भारत में मौजूद दानकर्ताओं से अनुदान लेने पर ध्यान दें। दान देने वालों की भारत में कमी नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि विदेशी चंदा कोई पूर्ण अधिकार नहीं है। सरकार नियम बनाकर इसे रेगुलेट कर सकती है।