नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एलआईसी (LIC) के आईपीओ ( IPO) प्रक्रिया में दखल से इनकार कर दिया है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस मामले में अंतरिम आदेश नहीं दिया जाएगा।
आधार एक्ट में बदलाव को संसद में वित्त विधेयक की तरह पास करने का मसला पहले से लंबित है। इसे भी साथ में सुना जाएगा।याचिका एलआईसी के कुछ पॉलिसी धारकों ने दायर की है।
बदलाव संविधान की धारा 300ए के तहत संपत्ति के अधिकार का उल्लंघन
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि एलआईसी एक्ट की धारा 28 में बदलाव फाइनेंस बिल के जरिए किया गया।
उन्होंने कहा कि ये बदलाव संविधान की धारा 300ए के तहत संपत्ति के अधिकार का उल्लंघन है।उन्होंने कहा कि एलआईसी का चरित्र म्युचुअल बेनिफिट सोसायटी(Mutual Benefit Society) का है, जिसे बदलकर ज्वायंट स्टॉक कंपनी की तरह कर दिया गया है।
याचिका में कहा गया है कि पहले एलआईसी का 95 फीसदी सरप्लस पॉलिसीधारक को मिलता था और 5 फीसदी सरकार को लेकिन एलआईसी एक्ट में बदलाव कर संविधान की धारा 300ए का उल्लंघन किया गया है।