नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोराना के मौजूदा वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में अगर किसी अंग की सर्जरी की आवश्यकता है तो इसे मना नहीं किया जा सकता है और ऐसे मरीजों में आपरेशन के बाद कोविड संबंधी कोई जटिलताएं नहीं देखी गई और न ही मौत हुई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरूवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐसे कोरोना संक्रमित मरीजों को अगर किसी कारणवश सर्जरी की आवश्यकता है तो इसे मना नहीं किया जा सकता है।
श्री अग्रवाल ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स दिल्ली में 20 दिसंबर, 2021 से 20 जनवरी, 2022 तक कोविड सर्जरी मामलों के विश्लेषण की जानकारी देते हुए कहा कि इस अवधि के दौरान कुल 53 सर्जरी की गई ।
इनमें से 32 मरीजों के आपरेशन के दौरान उसी हिस्से को सुन्न करने के लिए एनेस्थीसिया दिया गया और शेष 21 को सामान्य एनेस्थीसिया दिया गया।
उन्होंने कहा कि इन 32 मामलों में से 26 मामले लोअर सेगमेंट सिजेरियन सेक्शन (एलएससीएस) के थे तथा सर्जरी के दौरान और इसके बाद की अवधि में कोई जटिलता नहीं पाई गई।
उन्होंने कहा कि अन्य मामलों में भी किसी मरीज की मौत या अन्य जटिलताएं नहीं पाई गईं।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सामान्य एनेस्थीसिया दिया गया था, उनमें लैपरोटॉमी, विच्छेदन, हड़ि्डयों के आपरेशनऔर अन्य जैसे प्रमुख मामले गंभीर थे।
लेकिन, 21 मामलों में सर्जरी के दौरान या बाद में कोई श्वसन समस्या और अन्य जोखिम नहीं देखा गया है।
उन्होंने कहा, 21 रोगियों में से चार की मौत की सूचना मिली लेकिन वे कोविड के कारण हुई जटिलताओं की वजह से नहीे थीं और उनके मुख्य अन्य कारण थे।
इसलिए कोविड के दौरान सर्जरी सुरक्षित है और इसमें देरी करने की आवश्यकता नहीं है चाहे वह व्यक्ति कोरोना संक्रमित हैं या नहीं हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि देश में कोविड के मामलों में अब गिरावट आ रही हैं लेकिन यह अभी तक समाप्त नहीं हुए हैं, इसलिए हमें कोविड संबंधी मानकों को जारी रखने की आवश्यकता है।