भारत

ज्ञानवापी जाने से रोकने पर स्वामी अविमुक्ते श्वरानंद अनशन पर बैठे

अब जबतक पूजा नहीं कर लेते भोजन नहीं कर सकते हैं

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) के वजूखाने में कथित रूप से मिले शिवलिंग की पूजा के लिए आज ज्ञानवापी जाने वाले स्वामी अविमुक्ते श्वरानंद को पुलिस ने केदार घाट स्थित श्री विद्यामठ से बाहर निकलने से रोक दिया।

इससे नाराज स्वामी अविमुक्ते श्वरानंद (Swami Avimukte Swarananda) मठ के दरवाजे पर ही अनशन पर बैठ गए।

उन्होंने कहा कि या तो ज्ञानवापी के शिवलिंग की उन्हें पूजा करने दिया जाए, या फिर प्रशासन पूजा पाठ कर उन्हें अवगत कराए।

उन्होंने कहा कि जबतक हम दर्शन-पूजन नहीं कर लेते तब तक हम अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे। इधर, एसीपी भेलूपुर, एसीपी सुरक्षा, एसीपी दशाष्वमेध सहित 10 थाने की फोर्स के साथ एलआईयू और पीएसी के जवान तैनात हैं।

डीसीपी काशी राजेश गौतम व एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार ने स्वामी अविमुक्ते श्वरानन्द को मामला न्यायालय में विचाराधीन होने का हवाला देकर मनाने की कोशिश की परन्तु स्वामी अविमुक्ते श्वरानन्द ने गुरु शंकराचार्य के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि सनातन धर्म में शंकराचार्य श्रेष्ठ होते हैं। उन्हीं का आदेश हमारे लिए सर्वोपरि है।

मठ की ओर आने-जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग की गई

अविमुक्तेश्वरानंद (Avimukteshwarananda) का कहना है कि एक बार कोई पूजा के लिए निकल जाता है तो बिना पूजा किए भोजन नहीं करता है। हम भी पूजा के लिए निकल चुके थे।

अब जबतक पूजा नहीं कर लेते भोजन नहीं कर सकते हैं। अब मठ में वापस भी नहीं जा सकते हैं। इसलिए पूजा की इजाजत मिलने तक गेट पर ही बैठेंगे।

उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि या तो ज्ञानवापी के शिवलिंग (Shivling) की उन्हें पूजा करने दिया जाए, या फिर प्रशासन पूजा-पाठ कर उन्हें अवगत कराए। अगर मामला कोर्ट में लंबित है तो क्या हमारे भगवान तबतक भूखे रहेंगे।

उन्होंने कहा कि मुझे पूजा से मतलब है। पूजा के अधिकार मिलने से मतलब नहीं है। जो न्यायालय में दूसरे पक्षकार जा रहे हैं, वो पूजा का अधिकार मांग रहे है।

न्यायालय में दो महीने बाद उनको अधिकार मिलेगा। हम कोई अधिकार नहीं मांग रहे हैं। हम भगवान की पूजा की मांग रहे हैं। हमारी इस भावना को क्यों नहीं सुना और समझा जा रहा है।

श्री विद्यामठ क्षेत्र छावनी में तब्दील है। भारी संख्या में फोर्स तैनात है। स्वामी अविमुक्ते श्वरानंद ने पूजा के लिए पुलिस कमिश्नरेट से इजाजत मांगी थी जिसको खारिज कर दिया गया था।

शुक्रवार शाम से कई थानों की पुलिस ने उनके श्री विद्यामठ के आसपास तगड़ी घेराबंदी कर रखी है।

मठ की ओर आने-जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग (Barricading) की गई है। शिवलिंग की पूजा के लिए इजाजत मांगने पर पुलिस उपायुक्त काशी जोन आरएस गौतम ने एक प्रेस नोट जारी किया।

इसमें पुलिस ने साफ तौर पर कहा गया है कि जिस जगह की इजाजत मांगी जा रही है, वह परिसर कोर्ट में वाद विचाराधीन है।

उक्त जगह कोर्ट के आदेश पर सील किया गया है और सीआरपीएफ की सुरक्षा घेरे में है। इन परिस्थितियों के मद्देनजर शांति और कानून व्यवस्था के ²ष्टिकोण से प्रार्थना पत्र को निरस्त किया जाता है।

इसके बावजूद यदि कोई कानून का उल्लंघन और शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कठोर विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

बता दें कि स्वामी अविमुक्ते श्रानंद ने ज्ञानवापी (Gyanvapi) परिसर स्थित जिस स्थान पर जाकर पूजा-अर्चना की अनुमति मांगी थी, वह अदालत के आदेश से 16 मई से ही सील है। उस स्थान से संबंधित मुकदमा अदालत में विचाराधीन है।

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