नई दिल्ली : वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स के पैसेंजर वीकल बिजनस (पीवी बिजनेस) के लिए यह वित्त वर्ष शानदार रहा है और यह एक दशक में पहली बार मुनाफा दे सकता है।
नेक्सान, हेरियर और हेरियर एसयूवी गाड़ियां बनाने वाली इस कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में रेकॉर्ड गाड़ियां बेची थीं।
जानकारी के मुताबिक इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में कंपनी ने 125,000 गाड़ियां बेचने का लक्ष्य रखा है।
अगर कंपनी चौथी तिमाही के लक्ष्य को हासिल करने में सफल रहती है तो इस वित्त वर्ष में उसकी बिक्री 370,000 यूनिट पहुंच जाएगी जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 65 फीसदी अधिक है।
अगर ऐसा हुआ तो कंपनी को एक दशक में पहली बार मुनाफा हो सकता है। स्ट्रॉन्ग बुकिंग को देखते हुए कंपनी अगले साल पांच लाख यूनिट बिक्री का लक्ष्य लेकर चल रही है।
कंपनी के जानकारों के मुताबिक टाटा मोटर्स अगले वित्त वर्ष में 600,000 यूनिट तक बना सकती है। कंपनी ने कंपोनेंट सप्लायर्स को इसके लिए तैयार रहने को कहा है।
यानी कंपनी हर महीने 50 हजार गाड़ियां बनाना चाहती है। इस बारे में टाटा मोटर्स को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया।
अगर कंपनी जनवरी-मार्च में 125,000 गाड़ियां बनाती है तो इससे तिमाही में कंपनी का टर्नओवर 10,000 करोड़ रुपये पहुंच जाएगा।
इस वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में कंपनी का राजस्व रेवेन्यू 22,000 करोड़ रुपए रहा था। अगर कंपनी अगले साल 500,000-600,000 गाड़ियां बनाती है तो उसके टर्नओवर 40,000-50,000 करोड़ रुपए पहुंच सकता है।
इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी का राजस्व 8,600 करोड़ रुपए रहा था। टाटा मोटर्स के पीवी कारोबार को पिछले वित्त वर्ष में 1,558 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
टाटा मोटर्स ने दिसंबर तिमाही में एसयूवी कि बिक्री के मामले में हुंडई मोटर इंडिया को पीछे छोड़ा था। अब वह पूरे वित्त वर्ष के लिए हुंडई से आगे निकल सकती है।
अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में टाटा मोटर्स यूटिलिटी वीकल्स की बिक्री के लिहाज से 18 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरे नंबर पर रही। साथ ही यह कुल 13 फीसदी मार्केट शेयर के साथ दूसरे नंबर पर रही।