रांची: Governor Ramesh Bais (राज्यपाल रमेश बैस) ने कहा कि टैक्स प्रैक्टिशनर्स को नए नियमों (Tax Practitioners New Rules ) से अपडेट रहने की जरूरत है।
इससे करदाता का उनके प्रति विश्वसनीयता बनी रहेगी और करदाता को भी कोई दिक्कत नहीं होगा। साथ ही टैक्स अथॉरिटी (Tax Authority) को भी इससे सुविधा होगी।
राज्यपाल शनिवार को ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (पूर्वी क्षेत्र), झारखंड इन्कम टैक्स बार एसोसिएशन एवं झारखंड कॉमर्शियल टैक्सेस (Association and Jharkhand Commercial Taxes) बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित टैक्स कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
हमारे देश की आजादी के बाद कर प्रणाली का सबसे बड़ा सुधार
उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हो रही है कि फेडरेशन (Federation) के सदस्य देश में कराधान से संबंधित कानून बनाने में सहयोग देने के लिए सक्रिय रहते हैं और अपना सहयोग प्रदान करते हैं। कर संग्रह से संबंधित न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में इस संस्था का अहम योगदान है।
बैस ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) हमारे देश की महत्वपूर्ण कर संरचना है। यह हमारे देश की आजादी के बाद कर प्रणाली का सबसे बड़ा सुधार है।
वस्तु एवं सेवा कर देश के सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधारों में से एक है, कई महत्वपूर्ण सिफारिशें और सुझाव GST परिषद द्वारा शामिल किए गए हैं। ”वन नेशन वन टैक्स” के नारे के साथ इसे पेश किया गया था।
जागरुकता कार्यक्रम एवं कैंप का भी आयोजन किया जा सकता है
उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (All India Federation of Tax Practitioners) सन् 1976 से जनहित में कार्य कर रहा है, जो महत्वपूर्ण है।
जनहित में कर से संबंधित बेवजह संशय को दूर करने के लिए इस प्रकार की विश्वसनीय संस्था को और गतिशील एवं सक्रिय होकर कार्य करने का प्रयास करना चाहिए।
इसके लिए समय-समय पर सेमिनार, जागरुकता कार्यक्रम एवं कैंप (Awareness Programs and Camps) का भी आयोजन किया जा सकता है।
इन संस्थाओं को समय पर कर भुगतान के लिए करदाताओं को जागरूक करने की दिशा में भी निरंतर प्रयास कर राष्ट्रहित में अपना योगदान देना चाहिए। सभी नागरिकों के लिए अपने संबंधित करों का भुगतान बहुत जरूरी है।