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केंद्र सरकार ने तीन सालों में आरक्षित श्रेणियों के मेधावी विद्यार्थियों के लिए स्वीकृत की 3,06,722 छात्रवृतियां

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश में विद्यालयों में पढ़ रहे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मेधावी विद्यार्थियों के लिए पिछले तीन सालों में राष्ट्रीय साधन-सह-मेरिट छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएसएस) के तहत 304878 छात्रवृतियां स्वीकृत की ।

जिसमें 358.34 करोड़ रूपये का खर्च शामिल है। इसी अवधि में राष्ट्रीय प्रतिभा खोज योजना (एनटीएसएस) के तहत 1844 छात्रवृतियां स्वीकृत की गई जिसमें 34893000 रूपये का खर्च शामिल है।

दोनों योजनाओं में छात्रवृत्ति की राशि, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरित की जाती है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सरकार ने देश में विद्यालयों में पढ़ रहे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के मेधावी छात्रों के लिए विभिन्न छात्रवृत्तियां शुरू की है।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (एमओएसजेई) और जनजातीय कार्य मंत्रालय (एमओटीए) द्वारा अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के सभी पात्र छात्रों के लिए प्री-मेट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।

उन्होंने राष्ट्रीय साधन-सह-मेरिट छात्रवृत्ति योजना (एनएमएमएसएस) के विषय में बताया कि केंद्रीय क्षेत्र योजना राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति योजना मई, 2008 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मेधावी छात्रों को आठवीं कक्षा में उनके ड्रॉप आउट को रोकने और उन्हें माध्यमिक स्तर पर अध्ययन जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से छात्रवृति प्रदान करना था।

योजना के तहत राज्य सरकार, सरकारी सहायता प्राप्त और स्थानीय निकाय स्कूलों में अध्ययन के लिए कक्षा IX के चयनित छात्रों को प्रत्येक वर्ष एक लाख नई छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं और कक्षा X से XII में उनकी निरंतरता/नवीनीकरण किया जाता है।

छात्रवृति की राशि 1 अप्रैल 2017 से 12000/- रु. प्रति वर्ष (पहले यह 6000/- रुपये प्रति वर्ष थी)। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषित है।

प्रधान ने बताया कि एनएमएमएसएस अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति सहित सभी श्रेणियों के छात्रों के लिए उनके साधन और योग्यता के आधार पर खुली है।

योजना के लिए माता-पिता की आय सीमा 3.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है। संबंधित राज्य/संघ राज्य द्वारा पूर्वी कक्षा के छात्रों के लिए प्रति वर्ष चयन परीक्षा आयोजित की जाती है।

राज्य सरकार के मानदंडों के अनुसार आरक्षण का प्रावधान है। विगत तीन वर्षों और चालू वर्ष के दौरान एनएमएमएसएस के तहत अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों की संख्या और स्वीकृत राशि का विवरण निम्नानुसार है।

वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक 304878 छात्रवृतियां स्वीकृत की गई थीं जिसमें 358.34 करोड़ रूपये का खर्च शामिल है।

वर्ष 2018-19 में 71500 छात्रवृतियां स्वीकृत की गई थीं जिसमें 82.83 करोड़ रूपये का खर्च शामिल है। वर्ष 2019-20 में 87933 छात्रवृतियां स्वीकृत की गई थीं जिसमें 102.09 करोड़ रूपये का खर्च शामिल है।

वर्ष 2020-21 में 80869 छात्रवृतियां स्वीकृत की गई थीं जिसमें 95.93 करोड़ रूपये का खर्च शामिल है। वर्ष 2021-22 में 64576 छात्रवृतियां स्वीकृत की गई थीं जिसमें 77.49 करोड़ रूपये का खर्च शामिल है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय प्रतिभा खोज योजना (एनटीएसएस) इस मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा संचालित की जा रही है।

यह योजना केवल अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के मेधावी छात्रों के लिए विशिष्ट नहीं है बल्कि उन सभी छात्रों के लिए खुली है जो राज्य और राष्ट्रीय स्तरीय चयन परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं। एनटीएसएस के तहत आरक्षण नीति के अनुसार अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग / ईडब्ल्यूएस और शारीरिक रूप से दिव्यांग छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

चयनित अभ्यर्थियों को कक्षा XI और XII के लिए प्रति वर्ष 15000/- रुपये प्रति वर्ष की दर से छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। उच्चतर शिक्षा स्तर पर भी छात्रवृत्ति जारी रखने का प्रावधान है। छात्रवृत्ति की राशि सीधे चयनित छात्रों के खाते में हस्तांतरित की जाती है।

प्रधान ने बताया कि एनटीएसएस के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को संवितरित छात्रवृति वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक 1844 छात्रवृतियां स्वीकृत की गई थीं जिसमें 34893000 रूपये का खर्च शामिल है।

वित्तीय वर्ष 2019-20 में 823 छात्रवृतियां स्वीकृत की गई थीं जिसमें 15780000 रूपये का खर्च शामिल है।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में 362 छात्रवृतियां स्वीकृत की गई थीं जिसमें 6387000 रूपये का खर्च शामिल है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 659 छात्रवृतियां स्वीकृत की गई थीं जिसमें 12726000 रूपये का खर्च शामिल है।

राष्ट्रीय साधन-सह-मेरिट छात्रवृत्ति योजना, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पूरी तरह से उपलब्ध है जो छात्रवृत्तियां जारी करने को सुगम बनाने और इसकी फास्ट ट्रेकिंग और दक्षता, पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता से छात्रवृत्तियां प्रदान करने के आश्वासन के लिए विकसित किया गया था।

इस योजना के तहत अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति समय पर प्राप्त हो रही है। राष्ट्रीय प्रतिभा खोज योजना के तहत भी छात्रवृत्ति जारी करने में कोई देरी नहीं है

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