नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने बुधवार को केंद्र को यह बताने के लिए समय दिया कि क्या राशन कार्ड (Ration Card) के अलावा किसी अन्य दस्तावेज (Document) के आधार पर एक परिवार की वित्तीय स्थिति दर्शाकर एक व्यक्ति को राष्ट्रीय आरोग्य निधि (RAN) के तहत वित्तीय लाभ (Financial Benefits) दिया जा सकता है।
न्यायमूर्ति ने AIIMS से किया अनुरोध
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह (Justice Pratibha M Singh) ने एप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic Anemia) से पीड़ित एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
योजना के तहत वित्तीय सहायता (Financial Help) के लिए AIIMS से किया गया अनुरोध राशन कार्ड (Ration card) की अनुपलब्धता के कारण खारिज कर दिया गया था।
अदालत (Court) को सूचित किया गया कि राष्ट्रीय राजधानी का निवासी होने के बावजूद, याचिकाकर्ता के पास राशन कार्ड नहीं है, क्योंकि केंद्र द्वारा राशन कार्डों की निर्धारित सीमा समाप्त हो गई है और इसे बढ़ाने के दिल्ली सरकार (Delhi Government) के अनुरोध को केंद्र सरकार द्वारा ठुकरा दिया गया है।
अदालत ने कहा की…
अदालत ने कहा, “यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता के लिए इलाज का लाभ उठाने के लिए राशन कार्ड जमा करना असंभव प्रतीत होता है। ऐसी परिस्थिति में, अदालत भारत सरकार (Indian government) को इस बात पर विचार करने का निर्देश देती है कि क्या कोई अन्य दस्तावेज हो सकता है जो याचिकाकर्ता द्वारा यह स्थापित करने की शर्त को पूरा करने के लिए प्रस्तुत किया जा सके कि पूरे परिवार की आय का स्तर योजना के तहत निर्धारित सीमा के भीतर है।”
अदालत ने याचिकाकर्ता (Petitioner) को अपने परिवार का ब्योरा देते हुए एक हलफनामा दायर करने को भी कहा और मामले को मार्च में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
RAN गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले उन रोगियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जो गंभीर जानलेवा बीमारियों से पीड़ित हैं, ताकि उन्हें अति विशिष्ट अस्पतालों और अन्य सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) में चिकित्सा उपचार प्राप्त करने में मदद मिल सके।