बाजिंग: शंघाई सहित चीन के कई शहरों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए फिर से लॉकडाउन लगा हुआ है। अगर यह लॉकडाउन लंबा होता हैं, तब देश के अंदर वाहन निर्माताओं और इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स मेकर्स का कामकाज और प्रभावित होगा है।
इसकी वजह है कि चीन में लॉकडाउन से उपजे अवरोधों के चलते सेमीकंडक्टर की कमी की संकट और गहरा सकता है, क्योंकि सप्लाई प्रभावित हो रही है। पूरी दुनिया में कोरोना की वजह से पहले से सेमीकंडक्टर चिप की कमी का संकट है।
साल 2020 में कोरोना को देखकर सेमीकंडक्टर चिप के उत्पादन और सप्लाई में पैदा हुए अवरोधों से यह संकट पैदा हुआ। यह संकट दूर होने की दिशा में बढ़ने लगा था लेकिन फिर रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हो गया और अब चीन के कई शहरों में फिर से लॉकडाउन है।
इससे चिप आपूर्ति प्रभावित हो रही है। चीनी आयात भारतीय ऑटोमोबाइल, स्टील और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों को पूरा करता है, इसकारण किसी भी लॉकडाउन का इन क्षेत्रों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। कई इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स और सब-कंपोनेंट्स को चीन से सोर्स किया जाता है।
रिपोर्ट में आशंका जाहिर की गई हैं, कि रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन के वर्तमान हालात के चलते आने वाले दिनों में सेमीकंडक्टर चिप की कमी का संकट बना रह सकता है। इससे देश में गाड़ियों का उत्पादन, स्मार्टफोन, टीवी सहित तमाम इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स का उत्पादन प्रभावित होगा।
सेमीकंडक्टर चिप का किसी भी देश में पूरी तरह से उत्पादन नहीं होता है। इसकी उत्पादन की प्रक्रिया कई देशों से होकर गुजरती है, इसमें सबसे बड़ा योगदान रूस, यूक्रेन और चीन जैसे देशों का है।