वाशिंगटन: अमेरिकी फ़ेड रिज़र्व बैंक ने अपनी बैंक ब्याज दर में .25 फीसदी की वृद्धि की घोषणा कर दी है।
अमेरिकी फ़ेड रिज़र्व बैंक के गवर्नर जेराम पावेल ने इसका उद्देश्य मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करना बताया है।
बुधवार को अमेरिकी फ़ेड रिज़र्व बैंक के गवर्नर जेराम पावेल ने कहा कि देश में मुद्रा स्फीति को नियंत्रित करने के लिए बैंक ने अपनी ब्याज दर .25 बढ़ा दी है।
उन्होंने कहा कि यह वृद्धि कालांतर में .50 तक जा सकती है। इससे बैंकों को अपनी ब्याज दरें पौने दो से दो प्रतिशत तक ले जाने में मदद मिलेगी।
अमेरिकी इतिहास में यह पहला अवसर है कि पिछले चार दशक में मुद्रा स्फीति बढ़ कर 7.9 फीसदी हो गई है।
बता दें, कोविड काल में भारी मंदी और मार्केट में बेरोज़गारी से बैंकों को राहत दिए जाने के लिए ब्याज दरें क़रीब शून्य तक पहुंच गई थीं।
आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो इस बढ़ी ब्याज दर से मूलतः निर्धन और माध्यम आय वर्ग को अधिक लाभ होगा।
क्रेडिट कार्ड आदि की ब्याज दरें बढ़ने से लोग निरर्थक ख़रीदारी से बचेंगे, निर्धन और सामान्य उपभोक्ता क्रेडिट कार्ड से ग्रोसरी और आवश्यक वस्तुएं लेने से परहेज़ करेंगे और बैंकों में बचत राशि में वृद्धि कर सकेंगे।