झारखंड

12 जुलाई तक रांची हिंसा मामले में सरकार को प्रस्तुत करना है स्टेटस रिपोर्ट,हाईकोर्ट ने..

हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता मुख्तार खान ने कोर्ट से आग्रह किया कि मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए

रांची: बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने राज्य सरकार को रांची (Ranchi) में 10 जून 2022 को हुई हिंसा के मामले पर स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र (Chief Justice Sanjay Kumar Mishra) की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले में हस्तक्षेपकर्ता और प्रार्थी द्वारा उठाए गए सवालों पर जवाब दाखिल करने को कहा है।

घटना में मृतक दो युवकों के पिता की ओर से हस्तक्षेप याचिका दाखिल की गई है।

आज की सुनवाई वर्चुअल मोड (Virtual Mode) में हुई। अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।

निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग

हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता मुख्तार खान ने कोर्ट से आग्रह किया कि मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए।

इस मामले में पुलिस ने ही भीड़ पर गोली चलाई थी, जिससे दो युवकों की मृत्यु हुई थी।

इसलिए पुलिस की जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की।

जनहित याचिका में इनको बनाया गया है प्रतिवादी

गौरतलब है कि रांची हिंसा मामले (Ranchi Violence Case) में दायर पंकज कुमार यादव की जनहित याचिका में हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के महासचिव यास्मीन फारूकी समेत रांची उपायुक्त , एसएसपी, मुख्य सचिव, एनआईए, ईडी को प्रतिवादी बनाया है।

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