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भारतीय इकोनामी का ग्रोथ बहुत धीमा, RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने इसे ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ के माध्यम से समझाया

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नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर (Former Governor) रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के बहुत स्लो ग्रोथ (Slow Growth) की ओर संकेत किया है।

उन्होंने कहा कि भारत ‘हिंदू वृद्धि दर’ (Hindu Growth Rate) के बहुत नजदीक पहुंच चुका है। बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 1950 से लेकर 1980 के दशक तक 4 प्रतिशत के निम्न स्तर पर रही थी।

इसे ही ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ भी कहा जाता है। धीमी वृद्धि के लिए ‘हिंदू वृद्धि दर’ शब्दावली का इस्तेमाल 1978 में भारतीय अर्थशास्त्री राज कृष्ण ने किया था।

भारतीय इकोनामी का ग्रोथ बहुत धीमा, RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने इसे 'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' के माध्यम से समझाया The growth of the Indian economy is very slow, former RBI governor Raghuram Rajan explained it through 'Hindu rate of growth'

तिमाही वृद्धि में क्रमिक नरमी के संकेत

राजन ने बताया कि निजी क्षेत्र के निवेश में कमी, उच्च ब्याज दरों (High Interest Rates) और वैश्विक वृद्धि (Global Growth) की सुस्त पड़ती रफ्तार इसका मुख्य कारण है।

उनके के अनुसार, राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) ने पिछले महीने राष्ट्रीय आय के जो अनुमान जारी किए हैं, उनसे तिमाही वृद्धि में क्रमिक नरमी के संकेत मिलते हैं, जो चिंता की बात है।

NSO के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर घटकर 4.4 फीसदी रह गई, जो दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 6.3 फीसदी और पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 13.2 फीसदी थी।

पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (Third Quarter) में वृद्धि दर 5.2 फीसदी रही थी।

भारतीय इकोनामी का ग्रोथ बहुत धीमा, RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने इसे 'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' के माध्यम से समझाया The growth of the Indian economy is very slow, former RBI governor Raghuram Rajan explained it through 'Hindu rate of growth'

प्राइवेट सेक्टर निवेश को इच्छुक नहीं

राजन ने स्पष्ट कहा, ‘आशावादी निश्चित ही पिछले GDP आंकड़ों में किए गए सुधार की बात करेंगे, लेकिन मैं क्रमिक नरमी (Gradual Softening) को लेकर चिंतित हूं।

निजी क्षेत्र निवेश करने के लिए इच्छुक नहीं है। RBI ब्याज दरें बढ़ाता जा रहा है और वैश्विक वृद्धि (Global Growth) के आने वाले समय में और धीमा पड़ने के आसार हैं। ऐसे में मुझे नहीं मालूम कि वृद्धि किस तरह रफ्तार पकड़ेगी।’

भारतीय इकोनामी का ग्रोथ बहुत धीमा, RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने इसे 'हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ' के माध्यम से समझाया The growth of the Indian economy is very slow, former RBI governor Raghuram Rajan explained it through 'Hindu rate of growth'

5 परसेंट का ग्रोथ भी हासिल हो जाए तो हमारे लिए खुशनसीबी

आगामी वित्त वर्ष (2023-24) में भारत की वृद्धि दर के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में राजन ने कहा, ‘5 फीसदी की वृद्धि भी हासिल हो जाए तो यह हमारी खुशनसीबी होगी।

अक्टूबर-दिसंबर के GDP आंकड़े बताते हैं कि साल की पहली छमाही में वृद्धि कमजोर पड़ेगी।’ उन्होंने कहा, ‘मेरी आशंकाएं बेवजह नहीं हैं। RBI ने तो चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में और भी कम 4.2 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान जताया है।’

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