प्रयागराज : हाईकोर्ट (High Court) ने साफ कहा है कि गैंगस्टर मामले (Gangster Case) में नाबालिग पर भी एक्ट के तहत कार्यवाही हो सकती है, क्योंकि इस पर ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है कि पुलिस कार्रवाई न करे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश (U.P) में नाबालिग पर गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) लगाने के मामले में हाईकोर्ट ने अहम आदेश दिया है। नाबालिग पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि नाबालिग पर भी गैंगस्टर एक्ट लग सकता है।
नाबालिग पर भी लगेगा गैंगस्टर एक्ट
कोर्ट ने कहा कि कानून में कोई प्रतिबंध नहीं है। कोर्ट ने अपराध के समय नाबालिग, बालिग होने पर दर्ज गैंगस्टर एक्ट की प्राथमिकी रद्द करने से इंकार कर दिया। साथ ही कहा कि आपराधिक केस चार्ट में शामिल अभियुक्त यदि नाबालिग था, इससे गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही (Gangster Act Proceedings) पर फर्क नहीं पड़ेगा।
कोर्ट ने इस दलील को अस्वीकार कर दिया कि अपराध चार्ट में शामिल तीन केसों को दर्ज करते समय याची नाबालिग था और उसकी आयु 16 से 17 वर्ष की थी। याची ने मांग कि थी कि नाबालिग होने पर गैंगस्टर एक्ट की FIR अवैध है, इसे रद्द किया जाए।
गौरतलब है कि याची के खिलाफ 24 नवंबर 22 को बलिया के हादी थाने में गैंगस्टर एक्ट की धारा 3 के तहत प्राथमिकी दर्ज है।
गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज
कोर्ट ने धारा 482 की अंतर्निहित शक्ति (Underlying Strength) का इस्तेमाल कर रद्द करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने याची राजू पाठक की याचिका खारिज की है। याची पर आरोप है कि वह आकाश गिरी गैंग का सदस्य है।
जस्टिस वी के बिड़ला (V K Birla) और जस्टिस सुरेंद्र सिंह (Surendra Singh) की खंडपीठ ने अब अहम आदेश दिया है। तीन आपराधिक केसों में जमानत मिलने के बाद गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।