HomeUncategorizedसावन में भगवान शिव के पूजा का बड़ा महत्व, जानें पूरी कहानी

सावन में भगवान शिव के पूजा का बड़ा महत्व, जानें पूरी कहानी

Published on

spot_img

Sawan Special : हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन 5वां महीना होता है। सावन माह के अलग ही महत्व है। धार्मिक ग्रंथों और पौराणिक कथाओं के अनुसार यह महीना महादेव के लिए बेहद लोकप्रिय है। लेकिन क्या आप जानते हैं यह महीना सावन का महीना क्यों कहलाता है?

आइए जानते हैं सारे सवालों के जवाब एक साथ

धरनात्रा का महत्व

The importance of worshiping Lord Shiva in Sawan, know the full story

श्रवण सोमवार को सभी शिवमंदिरो में धरनात्रा शिवलिंग के ऊपर लटकाया जाता है। इससे शिवलिंग पर हर दिन और हर रात दूध और पानी चढ़ता रहता है। श्रवण सोमवार को सूर्योदय से पहले से लेकर सूर्यास्त तक फास्ट यानी व्रत रखना होता है। भगवान शिव इस महीने में मन से पूजा करने वालों से बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।

पौराणिक कथा

हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे प्रसिद्ध घटना के मुताबिक समुद्र मंथन श्रवण के दौरान हुआ था। प्राचीन हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन देवताओं (देवता) और दानवों (दानवों) का संयुक्त प्रयास था। पुरानी किंवदंतियों के अनुसार श्रावण का पवित्र महीना था, जिसमें देवताओं और राक्षसों ने समुद्र मंथन करने का फैसला किया कि उनमें से सबसे मजबूत कौन था। ऐसा धन की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए किया गया था। जो कि उन्हें समुद्र से अमृत के साथ पुरस्कृत करेंगी।

The importance of worshiping Lord Shiva in Sawan, know the full story
देवताओं और राक्षसों ने आपस में समान रूप से अमृत साझा करने की सहमति व्यक्त की थी। सांप वासुकी जो कि भगवान शिव की गर्दन पर रहते हैं और सुमेरु पर्वत का उपयोग मंथन के लिए किया गया था। कहा जाता है कि समुद्र से 14 तरह की पवित्र चीजें निकलीं। जहर के साथ रत्न और जवाहरात की एक असंख्य राशि समुद्र से निकली थी। लेकिन दानव और देवता इस बात से अनजान थे कि जहर का क्या किया जाए, क्योंकि उसमें हर चीज को नष्ट करने की क्षमता थी। भगवान शिव ऐसे में दोनों के बचाव में आगे आए और इस विष को अपने गले में जमा लिया। इसी वजह से भोलेनाथ का गला नीला हो गया और उन्हें नीलकंठ नाम मिला। भगवान शिव ने विनाशकारी जहर पीकर इस दुनिया में सभी को जीवन दिया। यही कारण है कि यह पूरा महीना उनके लिए समर्पित है और बहुत ही शुभ माना जाता है।

The importance of worshiping Lord Shiva in Sawan, know the full story

चंद्र का महत्‍व

भगवान शिव ने इस दौरान अपने सिर पर अर्धचंद्र भी विराजमान किया। दरअसल समुद्र मंथन से निकले विष का प्रभाव इतना प्रबल था कि भगवान शिव को अपने सिर का अर्धचंद्र पहनना पड़ा ताकि उनके शरीर को शीतलता मिले। सभी देवताओं ने उन्हें गंगा नदी का पवित्र जल अर्पित करना शुरू कर दिया, ताकि जहर का असर समाप्त हो जाए। इस महीने के दौरान ये घटनाएं हुईं, इसीलिए इसको अत्यधिक
भविष्यफलदायी माह माना जाता है।

The importance of worshiping Lord Shiva in Sawan, know the full story

सावन में उपवास

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस महीने लोग उपवास करते हैं। श्रावण मास के दौरान उपवास करना बहुत शुभ माना जाता है। सुबह जल्दी उठना, शिव मंदिर में जाना और बेल पत्रों के साथ दूध, घी, दही, गंगाजल, शहद पंचामृत के रूप में अर्पित करते हैं। पूजा के समय दूध और दूध से बने उत्पाद, फल तथा अन्य उपवास वाली चीजें का भोज लगाया जाता है। क्या होता है

The importance of worshiping Lord Shiva in Sawan, know the full story

श्रवण का मतलब

श्रवण का शाब्दिक अर्थ सुनना होता है। कहा जाता है कि इस पवित्र महीने के दौरान सभी भक्तों को धार्मिक, आध्यात्मिक प्रवचन, उत्तम शब्द और उपदेश सुनना चाहिए।

The importance of worshiping Lord Shiva in Sawan, know the full story

श्रवण नक्षत्र

पूर्णिमा की रात को इस अवधि के दौरान श्रवण नक्षत्र देखा जा सकता है। इस दिन को श्रावण पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

महा मृत्युंजय मंत्र का महत्व

इस महीने के दौरान ऋषि मार्कंडेय द्वारा महा मृत्युंजय मंत्र सिद्ध किया गया था। मंगल गौरी व्रत, जो सबसे अधिक पुरस्कृत व्रतों में से एक माना जाता है या श्रावण मास के इस महीने में किया जाता है। श‍िव पूजन : हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार साल के किसी भी समय की तुलना में इस समय के दौरान भगवान शिव की पूजा करना 108 गुना अधिक शक्तिशाली मानी जाती है। मांगें

सुयोग्‍य वर

वैसे तो सभी श्रावण सोमवार को उपवास करते हैं। खासकर अविवाहित महिलाएं ये व्रत एक अच्छे पति की तलाश के लिए करती हैं।

रुद्राक्ष करें धारण

जैसा कि रुद्राक्ष भगवान शिव का प्रतीक है, रुद्राक्ष पहनना बहुत ही शुभ माना जाता है। भगवान शिव के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए श्रवण मास के दौरान रुद्राक्ष पहनते हैं। भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राक्ष माला से जाप भी करते हैं।​
श्रावण का पूरा महीना प्राचीन पवित्र ग्रंथों में वर्णित समुद्र मंथन अध्याय से जुड़ा हुआ है, पवित्र मास में भक्त कांवर यात्रा करके भगवान शिव का आभार व्यक्त करते हैं। सोमवार को व्रत रखने से, भक्त भगवान शिव से अपने अनगिनत प्राप्त करते हैं।

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि News Aroma किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

spot_img

Latest articles

ईरान का अमेरिका को अल्टीमेटम, ‘एक फोन कॉल’ से रुक सकता है इजराइल का हमला

Iran and Israel War: ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान ने कहा है कि...

झारखंड में सड़क निर्माण की रफ्तार, 2020-21 से 2024-25 तक बड़ी कामयाबी

Road construction in Jharkhand: झारखंड में सड़क निर्माण ने वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25...

रांची में अधिवक्ता भूषण भगत को कार ने मारी टक्कर, जान मारने का आरोप, पुंदाग ओपी में FIR

Ranchi Crime News: रांची में पुंदाग के अधिवक्ता भूषण भगत ने एक कार चालक...

800 करोड़ के GST घोटाले के सभी आरोपी की न्यायिक हिरासत 30 जून तक बढ़ी

Ranchi News: 800 करोड़ रुपये से अधिक के चर्चित जीएसटी घोटाले में मुख्य आरोपी...

खबरें और भी हैं...

ईरान का अमेरिका को अल्टीमेटम, ‘एक फोन कॉल’ से रुक सकता है इजराइल का हमला

Iran and Israel War: ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियान ने कहा है कि...

झारखंड में सड़क निर्माण की रफ्तार, 2020-21 से 2024-25 तक बड़ी कामयाबी

Road construction in Jharkhand: झारखंड में सड़क निर्माण ने वित्तीय वर्ष 2020-21 से 2024-25...

रांची में अधिवक्ता भूषण भगत को कार ने मारी टक्कर, जान मारने का आरोप, पुंदाग ओपी में FIR

Ranchi Crime News: रांची में पुंदाग के अधिवक्ता भूषण भगत ने एक कार चालक...