भोपाल: अगहन मास की अमावस्या के अवसर पर अगले सोमवार यानी 14 दिसम्बर को साल का अंतिम सूर्यग्रहण पड़ेगा।
भारत में जब सूर्य अस्त हो रहा होगा, तब दक्षिण अमेरिका, दक्षिण पश्चिम अफ्रीका, अटलांटिक, हिन्द और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में पूर्ण सूर्यग्रहण (टोटल सोलर इकलिप्स) देखा जा सकेगा।
यह इस साल का अंतिम सूर्यग्रहण होगा। भारत में सूर्य अस्त होने के बाद यह खगोलीय घटना घटेगी, इसलिए इसे यहां नहीं देखा जा सकेगा।
भोपाल की राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने गुरुवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में शाम लगभग 05 बजकर 36 मिनट पर सूर्यास्त हो जाने के बाद 7 बजकर 03 मिनट की स्थिति में पूर्ण सूर्यग्रहण आरंभ होगा, जो कि 9 बजकर 43 मिनट पर अधिकतम होगा और रात 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
रात होने के कारण यह ग्रहण भारत में तो नहीं दिखेगा, लेकिन चिली और अर्जेन्टीना में ठीक से देखा जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा लगाने के कारण इस ग्रहण के अगले ही दिन सूर्य धनु राशि तारामंडल के सामने आता दिखेगा।
सूर्य जब किसी राशि तारामंडल में प्रवेश करता है तो उसे सक्रांति कहा जाता है। सारिका ने बताया कि इसके पहले भारत में साल के सबसे लंबे दिन 21 जून को सूर्यग्रहण दिखा था।
मध्यप्रदेश में अब आंशिक सूर्यग्रहण 25 अक्टूबर 2022 की शाम को सूरज डूबने के पहले दिखेगा।
अगर आप 2021 में सूर्यग्रहण देखना चाहते हैं तो 10 जून 2021 को होने जा रहे वलयाकार सूर्यग्रहण (एन्यूलर सोलर इकलिप्स) के लिये कनाडा-ग्रीनलैंड की सैर करनी होगी या फिर 04 दिसम्बर 2021 को आस्ट्रेलिया के शहरों में आंशिक ग्रहण (पार्शियल सोलर इकलिप्स) देखा जा सकेगा।
क्या होता है सूर्यग्रहण-
सारिका ने बताया कि जब सूर्य और पृथ्वी के बीच से होकर परिक्रमा करता हुआ चंद्रमा निकलता है तो वह सूरज की कुछ या पूर्ण रोशनी को किसी एक भू-भाग पर आने से रोक लेता है।
इस दौरान पृथ्वी के उस भाग पर रहने वाले लोगों को कुछ समय तक सूर्य या तो पूरी तरह नहीं दिखाई देता अथवा आंशिक दिखाई देता है।
इस खगोलीय घटना को ही सूयग्रहण कहते हैं। आगामी 14 दिसम्बर का यह ग्रहण पूर्ण सूर्यग्रहण होगा।