रांची: प्रत्येक वर्ष 6 जनवरी को भगवान बिरसा मुंडा के सेनापति कहे जाने वाले गया मुंडा की शहादत दिवस मनायी जाती है।
जिसको लेकर गया मुंडा के पैतृक गांव खूंटी जिला अंतर्गत एटकेडीह में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। प्रत्येक वर्ष गया मुंडा के आदमकद प्रतिमा में माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
अंग्रेजों को भागने पर किया था मजबूर
खूंटी जिला के एटकेडीह गांव में जन्मे गया मुंडा को भगवान बिरसा मुंडा के सेनापति के रूप में जाना जाता है। जब अंग्रेज बिरसा मुंडा को गिरफ्तार करने के लिए पोड़ाहाट के जंगल में खोज कर रहे थे। तब गया मुंडा अलग-अलग इलाकों में बैठक किया करते थे। 5 जनवरी, 1900 को गया मुंडा के द्वारा एटकेडीह में बैठक बुलाई गयी थी। जिसकी भनक अंग्रेजों को लग गई। बैठक के दौरान अंग्रेजों ने उन्हें घेरने की कोशिश की। लकिन गया मुंडा और उनके सहयोगियों ने बहादुरी दिखाते हुए अंग्रेजों पर हमला कर दिया। जिसमें अंग्रेजों को जान बचा कर भागना पड़ा था।
6 जनवरी को गया मुंडा हुए थे शहीद
6 जनवरी, 1900 को अंग्रेजों और गया मुंडा के बिच फिर से लड़ाई छिड़ी। एक ओर गया मुंडा टांगी और तीन-धनुष से लड़ाई कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर अंग्रेज बंदूकों से लैस थे। जिसमें अंग्रेजों ने गया मुंडा के घर को आग के हवाले कर दिया। जब गया मुंडा घर से बाहर निकले, तो उन्हें भी गोली मार दी गयी। गोली लगने से गया मुंडा घायल हो गये और अंग्रेज के हाथ लग गए। इस दौरान गया मुंडा शहीद हो गए।
एटकेडीह को बना आदर्श ग्राम
अंग्रेजों से लोहा लेनेवाले भगवान बिरसा मुंडा के सेनापति शहीद गया मुंडा के गांव एटकेडीह को शहीद आदर्श ग्राम का दर्जा मिला है। प्रशासन द्वारा गांव का विकास किया जा रहा है। शहीद आदर्श ग्राम के तहत गांव में 41 पक्के मकान का निर्माण किया जाना है। इसमें से कई घर बनकर तैयार हो चुके हैं. वहीं, अन्य अंतिम चरण में हैं। गांव में ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना स्थापित की गयी है। बिजली भी पहुंचायी गयी है। इस संबंध में ITDA के परियोजना निदेशक संजय भगत ने बताया कि एटकेडीह में PCC का भी निर्माण किया जाना है। PCC के लिए टेंडर की प्रक्रिया जारी है। गांव में शहीद गया मुंडा का एक आदमकद प्रतिमा भी स्थापित की गयी है।