झारखंड

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों की जान सांसत में, सर्जरी के लिए नर्सें उपलब्ध नहीं, जानें पूरा मामला

रांची: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल RIMS से परेशान और चिंतित करने वाली खबर है। इसे के लिए रिम्स प्रशासन (RIMS Administration) के माथे पर सिकन (Sikan) बढ़ गई है।

खबर आ रही है कि इस अस्पताल में नर्सों की अचानक कमी हो जाने के चलते कई विभागों में सर्जरी का काम ठप हो गया है। इससे यहां आने वाले मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।

इससे बड़ी खबर है कि ICU में इलाजरत मरीजों की जान पर भी संकट आ गया है। CTVS विभाग के HOD ने रिम्स निदेशक को लिखे पत्र में कहा है कि नर्स नहीं होने के कारण चार आइसीयू में भर्ती मरीजों की जान खतरे में है।

नर्स व मैनपावर की कमी के कारण बुधवार को एक भी सर्जरी नहीं हुई। अगर उन्हें नर्स की सुविधा नहीं मिली तो इलाज करना मुश्किल है। ऐसी सकता है।

अनुबंध पर काम कर रही नर्सों ने एक साथ छोड़ काम

रिम्स अधीक्षक डा. हीरेन बिरुआ (Dr. Hiren Birua) ने बताया कि JSAC द्वारा 370 नर्सों की बहाली होनी थी। परीक्षा के बाद चयनित नर्सों की सूची जारी होते ही अनुबंध पर काम कर रही दर्जनों नर्सों ने काम एक साथ छोड़ दिया।

बताया गया कि इन नर्सों का चयन नहीं हो पाया था, जिस कारण वे चली गईं।

नर्सिंग स्टूडेंट पर चिकित्सकों को नहीं है भरोसा

रिम्स के कई विभाग में नर्सों की कमी के बाद जीएनएम नर्सिंग स्टूडेंट (GNM Nursing Student) को काम पर लगाया गया है। लेकिन इन नर्सों पर डाक्टर पूरा भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।

निदेशक को लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि जो भी नर्स ड्यूटी (Nurse duty) पर लगायी गई है वो जीएनएम नर्सिंग की छात्रा है जो सर्जरी व ICU के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है।

340 नर्सों की विभाग करने जा रहा बहाली

JASC के अनुसार अभी नर्सों की बहाली करने में वक्त लग सकता है। इस माह के तीसरे सप्ताह तक उम्मीद जतायी जा रही है कि चयन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

इसके बाद कम से कम 340 नर्सों की बहाली रिम्स में हो सकती है। इस प्रक्रिया को पूरी होने में यह माह निकल सकता है। हालांकि अभी रिम्स के पास मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रेंड नर्स नहीं है, जिससे समस्या बढ़ गई है।

हालांकि रिम्स प्रबंधन (Rims management) को इस बात का ध्यान रखना था कि यदि बहाली प्रक्रिया शुरू होगी तो इसका असर क्या पड़ेगा। लेकिन प्रबंधन ने इसकी जरा भी परवाह नहीं की और मरीजों को संकट में छोड़ दिया।

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