न्यूज़ अरोमा रांची: राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों को सरकार जल्द ही तोहफा दे सकती है। झारखंड के पारा शिक्षकों के वेतनमान का आधार हिमाचल प्रदेश मामले में सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट ही होगा।
महाअधिवक्ता नियमों के तहत परामर्श दिया है।
ये बातें मिशन टीम संयोजक रंजीत कुमार जायसवाल ने कही है। इस संबंध में मिशन टीम अगुवा साथी महाअधिवक्ता से शिष्टाचार मुलाकात की थी, जहां पर टीम को यह जानकारी दी गई।
अब सरकार समय का निर्धारण करेगी। संभव है मुख्यमंत्री आवास घेराव से पहले ही वेतनमान कैबिनेट में पास हो जाए।
टेट पास को ही वेतनमान
वेतनमान उन्हें ही मिल सकता है, जो टेट पास हैं। वेतनमान का एक प्रक्रिया के तहत स्वीकृत पद पर समायोजन होगा।
रंजीत कुमार का कहना है कि मैं बहुत दिनो से एक वरिष्ठ नेतृत्व का पोस्ट देख रहा हूं।
वेटेज सरकार से मांगा जाएगा। वेटेज तो बहाली में मांगा जाता है, जो अनुभव के अनुसार बहाली की जाती है।
10 परसेंट छूट की होगी मांग
टेट पास होने के लिए 10 प्रतिशत छूट मांगी जाए तो सभी श्रेणी में तब जाकर सभी पारा शिक्षकों का कल्याण हो सकता है। रघुवर काल में ज़ो नियमित नियमावली बनी थी, उसमें वेतनमान के समतुल्य मानदेय ही था।
सचिव नहीं चाह रहे थे कि वेतनमान दें
झारखंड सरकार के सचिव अब भी नहीं चाह रहे हैं कि इन पारा शिक्षकों को वेतनमान दिया जाए। झारखंड के सचिव, उत्तर प्रदेश के जजमेंट पर आधारित ही नियमावली बना रहे थे।
भाग्य माना जाए कि महाअधिवक्ता के परामर्श पर ही वेतनमान की पहल हुई है। नहीं तो झारखंड में वेतनमान का सौभाग्य प्राप्त नहीं होता।
वेतनमान और स्थायीकरण पर सरकार लगा सकती है मुहर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पारा शिक्षकों के मामले पर शिक्षा सचिव राहुल शर्मा को पूरा प्रस्ताव भेजने को कहा है। राज्य के 65 हजार पारा शिक्षकों को सरकार जल्द ही वेतनमान और सेवा स्थायीकरण का तोहफा दे सकती है।
यह बैठक इसी सप्ताह को ही होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली जाने की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया। अब इस पर बैठक होगी और निर्णय भी लिया जा सकता है।
पारा शिक्षक वेतनमान, स्थायीकरण और नियमावली को लेकर आंदोलनरत हैं। 17 जनवरी को पारा शिक्षकों ने जहां सत्तापक्ष के विधायकों और 24 जनवरी को सभी मंत्रियों के आवास के बाहर धरना दिया।
पारा शिक्षक जून 2020 को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में आयोजित उच्चस्तरीय कमेटी की बैठक में लिए गए निर्णय को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
वेतनमान लागू होने के 12 साल के बाद उनके ग्रेड पे में भी बढ़ोतरी होगी
पारा शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली और वेतनमान को कैबिनेट की मंजूरी मिलने से राज्य में करीब 11000 टीईटी पास पारा शिक्षकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। अन्य पारा शिक्षकों को परीक्षा देनी होगी।
इसका आयोजन वेतनमान मिलने के दो से तीन महीने के अंदर होगा। पहली से पांचवी के पारा शिक्षकों को निर्धारित वेतनमान के साथ 2000 का ग्रेड पे मिलेगा, वहीं छठी से आठवीं के पारा शिक्षकों को 2400 का ग्रेड पे मिलेगा।
वेतनमान लागू होने के 12 साल के बाद उनके ग्रेड पे में भी बढ़ोतरी होगी और इसे बढ़ाकर 2400 व 2800 किया जाएगा। इस दौरान सरकारी शिक्षकों की तरह वार्षिक वृद्धि समेत अन्य भत्ता का भी लाभ दिया जाएगा।
छठी से आठवीं में पढ़ाने वाले पारा शिक्षकों के लिए दो पाली में परीक्षा होगी
5200-20200 का वेतनमान को उच्चस्तरीय कमेटी ने सहमति प्रदान की थी। इसमें उन्हें 2000 से 2400 का ग्रेड पे मिलेगा। शिक्षक पात्रता परीक्षा पास प्रशिक्षित पारा शिक्षकों को जहां सीधे वेतनमान का लाभ मिल सकेगा।
वहीं बाकी पारा शिक्षकों को इसके लिए परीक्षा देनी होगी। पारा शिक्षकों को तीन बार वेतनमान के लिए परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इसमें पास करने पर उन्हें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।
अगर पास नहीं करते हैं, तो उन्हें सेवा से नहीं हटाया जाएगा और अभी की भांति मानदेय का ही भुगतान होगा।
पहली से पांचवी क्लास के पारा शिक्षकों के लिए एक पेपर की परीक्षा होगी, जबकि छठी से आठवीं में पढ़ाने वाले पारा शिक्षकों के लिए दो पाली में परीक्षा होगी।