HomeUncategorizedदेश की अखंडता और एकता से कोई समझौता नहीं : प्रधानमंत्री मोदी

देश की अखंडता और एकता से कोई समझौता नहीं : प्रधानमंत्री मोदी

Published on

spot_img
spot_img

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को सिविल सेवा दिवस पर राष्ट्र प्रथम के मंत्र को दोहराते हुए कहा कि हम देश की अखंडता और एकता से कोई समझौता नहीं कर सकते।

प्रधानमंत्री मोदी विज्ञान भवन में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए 16 अधिकारियों को प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान करने के बाद संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में विभिन्न विचारधाराएं हो सकती हैं लेकिन हमें हमेशा देश की एकता और अखंडता को मजबूत करना चाहिए।

देश की एकता को ध्यान में रखते हुए हर फैसला लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र प्रथम के मंत्र के साथ राष्ट्र का सद्भाव और अखंडता बनाए रखें। हमारे सभी प्रयास राष्ट्र प्रथम, भारत प्रथम से जुड़े होने चाहिए।

हमारा देश राज व्यवस्थाओं और राज सिंहासनों से नहीं बना है।

सिविल सेवकों को लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के लिए तीन लक्ष्य देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में है और हमारे सामने तीन लक्ष्य साफ-साफ होने चाहिए।

पहला लक्ष्य है कि देश में सामान्य से सामान्य मानवी के जीवन में बदलाव आए, उसके जीवन में सुगमता आए और उसे इसका एहसास भी हो।

कहा कि दूसरे लक्ष्य है कि आज हम कुछ भी करें, उसको वैश्विक सन्दर्भ में करना समय की मांग है।

प्रधानमंत्री ने तीसरे लक्ष्य को लेकर कहा कि व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारी मुख्य जिम्मेदारी देश की एकता और अखंडता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की महान संस्कृति की ये विशेषता है कि हमारा देश राज व्यवस्थाओं और राज सिंहासनों से नहीं बना है।

उन्होंने कहा कि जन सामान्य के सामर्थ्य को लेकर चलने की हमारी हजारों साल की परंपरा रही है। आजादी के अमृत महोत्सव में जब देश आजादी के 75 साल मना रहा है ऐसे में यह आयोजन विशेष है।

प्रधानमंत्री ने पुरस्कार विजेताओं से कहा कि वे विदेश मंत्रालय और पुलिस विभाग सहित देशभर में स्थित सिविल सेवा से जुड़े तमाम प्रशिक्षण संस्थानों में ट्रेनिंग ले रहे प्रशिक्षुओं को हर सप्ताह एक से डेढ़ घंटे का समय निकालकर वर्चुअल माध्यम से अपने अनुभव साझा करें।

तेज गति से बदलते हुए विश्व में हमें पल पल के हिसाब से चलना पड़ेगा

उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक सप्ताह ऐसे दो पुरस्कृत अधिकारियों से चर्चा होगी तो आने वाली नई पीढ़ी के अधिकारियों को उनके अनुभवों से काफी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा करना अधिकारियों को लिए भी लाभप्रद होगा और वे इससे जुड़े रहेंगे।

प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि मैं चाहूंगा कि आजादी के इस अमृत काल में आप अपने डिस्ट्रिक्ट में जो पहले कलेक्टर के रूप में काम करके गए हैं, एक बार अगर हो सके तो उनका मिलने का कार्यक्रम बनाइये। आपके पूरे जिले के लिए वो एक नया अनुभव होगा।

इसी तरह राज्यों में जो चीफ सेक्रेटरी के रूप में कार्य करके गए हैं, एक बार राज्य के मुख्यमंत्री उन सबकों बुला लें। देश के प्रधानमंत्री, जितने भी कैबिनेट सेक्रेटरी रहे हैं उनकों बुला लें।

हम पिछली शताब्दी की सोच और नीति नियमों से अगली शताब्दी की मजबूती का संकल्प नहीं कर सकते। इसलिए हमारी व्यवस्थाओं, नियमों में, परंपराओं में पहले शायद बदलाव लाने में 30 -40 साल चले जाते होंगे, तो चलता होगा। लेकिन तेज गति से बदलते हुए विश्व में हमें पल पल के हिसाब से चलना पड़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 8 साल के दौरान देश में अनेक बड़े काम हुए हैं। इनमें से अनेक अभियान ऐसे हैं जिनके मूल में व्यवहार परिवर्तन है।

Latest articles

डायन बता पति-पत्नी की हत्या मामले में तीन को उम्रकैद, 50-50 हजार का जुर्माना

Palamu News: पलामू जिला व्यवहार न्यायालय के द्वितीय जिला और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रतीक...

हजारीबाग ओपन जेल से तीन बांग्लादेशी कैदी फरार, पुलिस ने शुरू की तलाशी

Hazaribag News: हजारीबाग के जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में स्थित ओपन जेल के डिटेंशन...

रांची में 11 जून को कांग्रेस की अनुसूचित जाति विभाग की अहम बैठक, दलित सशक्तिकरण पर होगी चर्चा

Jharkhand News: रांची के गीतांजलि बैंक्वेट हॉल, मोरहाबादी में 11 जून 2025 को प्रदेश...

खबरें और भी हैं...

डायन बता पति-पत्नी की हत्या मामले में तीन को उम्रकैद, 50-50 हजार का जुर्माना

Palamu News: पलामू जिला व्यवहार न्यायालय के द्वितीय जिला और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रतीक...

हजारीबाग ओपन जेल से तीन बांग्लादेशी कैदी फरार, पुलिस ने शुरू की तलाशी

Hazaribag News: हजारीबाग के जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा में स्थित ओपन जेल के डिटेंशन...