मुंबई: शेयर बाजारों में पिछले पांच कारोबारी सत्रों से जारी तेजी पर मंगलवार को विराम लगा और दोनों मानक सूचकांक… बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए।
वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में गिरावट के साथ बाजार नुकसान में रहा।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 200 अंक से अधिक लाभ में था। लेकिन बाद में इसमें गिरावट आयी और अंत में यह 709.17 अंक यानी 1.26 प्रतिशत टूटकर 55,776.85 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,067.07 अंक टूटकर 55,418.95 अंक तक नीचे आ गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 208.30 अंक यानी 1.23 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,663 अंक पर बंद हुआ सेंसेक्स के शेयरों में टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, कोटक महिंद्रा बैंक, इन्फोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज लि., एक्सिस बैंक और एचसीएल टेक सर्वाधिक नुकसान में रहे।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी, नेस्ले इंडिया, एशियन पेंट्स और टाइटन शामिल हैं एशिया के अन्य प्रमुख बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कंपोजिट महामारी को काबू में लाने के लिए फिर लगाये गये ‘लॉकडाउन’ की चिंता के बीच भारी नुकसान में रहे। जापान के निक्की में मामूली तेजी रही।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति को लेकर होने वाली बैठक से भी धारणा प्रभावित हुई है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, ‘‘रूस पर गैस आयात की पाबंदी के साथ नये वित्तीय और व्यापार प्रतिबंधों से दुनिया के बाजारों में तेजी के रुख पर प्रतिकूल असर पड़ा है। यह युद्धविराम की उम्मीद में सुधर रहे बाजार के लिये झटका है…।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले दुनिया के अन्य प्रमुख बाजारों में भी गिरावट रही।’ इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 6.11 प्रतिशत लुढ़ककर 100.4 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
शेयर बाजार के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को शुद्ध रूप से 176.52 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
इस बीच, सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में आठ महीने के उच्चस्तर 6.07 प्रतिशत पर पहुंच गयी। यह लगातार दूसरा महीना है जब खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर है। वहीं कच्चे तेल और गैर-खाद्य पदार्थों के दाम में तेजी से थोक मुद्रास्फीति उछलकर 13.11 प्रतिशत हो गयी है।