नई दिल्ली: कर्ज (Loan) के मुकाबले जमा की धीमी रफ्तार (Slow Speed) को देखते हुए सरकारी और निजी क्षेत्र के तमाम बैंकों में सावधि जमा (FD) पर ब्याज दरों में वृद्धि की होड़ लग गई है।
SBI और HDFC बैंक ने दरों में एक फीसदी तक का इजाफा किया है। इससे ग्राहकों को FD पर सात फीसदी से भी अधिक ब्याज मिल रहा है।
रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के हाल के आंकड़ों से पता चलता है कि 18 नवंबर को बैंकों (Banks) की ऋण वृद्धि 17.2 प्रतिशत रही है, जबकि जमा दर में वृद्धि 9.6 प्रतिशत है।
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) की रिपोर्ट (Report) के मुताबिक एक साल से ज्यादा समय के लिए सावधि जमा की दरें नवंबर में 6.68 प्रतिशत, अक्तूबर में 6.25 प्रतिशत और सितंबर में 5.70 प्रतिशत थीं।
रिजर्व बैंक की ओर से रेपो दर में वृद्धि के बाद SBI ने FD की दरों में एक फीसदी तक और एचडीएफसी बैंक ने 0.75 फीसदी तक का इजाफा किया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जमा दरों में अलग-अलग वृद्धि होती है तो बैंकिंग (Banking) क्षेत्र की चुनौतियां बढ़ सकती हैं।
रेपो दर के अनुसार दरें बढ़ा रहे बैंक
बैंकों की जमा दर अब रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की नीतिगत दर में वृद्धि के मुताबिक हो रही हैं। रिजर्व बैंक ने मई से अब तक रेपो दर (Repo Rate) में 2.25 फीसदी का इजाफा किया है।
एचडीएफसी ने निचले स्तर से जमा दरें 2.10 फीसदी तक बढ़ाई है और अब यह 3साल के उच्च स्तर पर है। निजी क्षेत्र के ICICI बैंक, Axis बैंक और Kotak Mahindra बैंक जमा दरों में वृद्धि कर चुके है।
लक्ष्य के अनुसार करें फैसला
बैंकFD बीच में तोड़ते समय शुल्क वसूलते हैं। साथ ही उतनी ही अवधि का ब्याज देते हैं जितने दिन तक वह एफडी रही है। इससे ग्राहकों को नुकसान होता है।
ऐसी स्थिति में छोटी राशि की FD कराएं और साथ ही समय अवधि भी अलग-अलग रखें। इससे आपके पास हमेशा पूंजी उपलब्ध रहेगी। साथ ही बीच में एफडी तोड़ने की नौबत आई तो आपको ज्यादा नुकसान नहीं होगा।