Yogasans Benefits: योगासन अनिवार्य रूप से मांसपेशियों, जोड़ों, स्नायुबंधन और शरीर के अन्य हिस्सों को चिकनाई देने का काम करते हैं।
इन योगासनों में कई ऐसे योगासन हैं जिन्हें घर में या बाहर आसानी से किया जा सकता है। आज हम ऐसे पांच योगासनों के बारे में बात करेंगे जिन्हें करने से आप बीमारियों से दूर रह सकते हैं।
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक समूह है जिन्हें करने से आपके शरीर के लगभग हर अंग का व्यायाम हो जाता है। इसे किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। हालांकि ध्यान रखना चाहिए कि अगर हर्निया की समस्या हो या आप गर्भवती (pregnant) हों या फिर किसी तरह की सर्जरी हुई है तो इस योगासन को नहीं करना चाहिए। सूर्य नमस्कार का सबसे अच्छा समय सुबह का ही होता है। अगर पूर्व दिशा की ओर मुंह करते हुए सूर्य नमस्कार करें तो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
सूर्य नमस्कार के फायदे
मोटापा में कमी
मजबूत पाचन तंत्र
शरीर में स्फूर्ति
कब्ज से मुक्ति
दूर होती है अनिद्रा
वृक्षासन
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा कि वृक्ष की तरह आसन। यह योगासन शारीरिक के साथ मानसिक रूप से भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। मन को एकाग्र करता है। नवर्स सिस्टम को बैलेंस करता है।
पैरों को मजबूती प्रदान करता है। स्ट्रेस दूर करता है। इस अभ्यास को 30 सेकंड से लेकर एक मिनट तक होल्ड किया जा सकता है।
त्रिकोणासन
यह बहुत ही सरल अभ्यास है जिसके कई लाभ हैं। त्रिकोणासन के प्रतिदिन अभ्यास से कंधे, पीठ, कमर को मजबूती मिलती है। घुटने के दर्द को कम करता है।
भुजंगासन
इसे घर में आसानी से किया जा सकता है। पेट का साइज कम करना हो या कमर दर्द से छुटकारा चाहिए, ये योगासन लाभप्रद है। इससे फेफड़े मजबूत बनते हैं। छाती की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं। थॉयरायड रोगियों (thyroid patients) को यह आसन जरूर करना चाहिए। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। ध्यान रहे, अगर सर्वाकिल की समस्या है तो भुजंगासन नहीं करें।
अनुलोम- विलोम प्राणायाम
इसे हर कोई कर सकता है। यह प्राणायाम आपके शरीर में सौर्य ऊर्जा और चंद्र ऊर्जा को संतुलित करता है। जैसा कि दायें ओर की नासिका सूर्य नाड़ी है और बायीं नासिका चंद्र नाड़ी है। इस प्राणायाम को करने के लिए अपने दायें अंगूठे से दायीं नाक को बंद करें और बायीं नासिका से सांस लें।
थोड़ी देर रोक कर फिर बायें नाक को बंद करते हुए दायें से सांस छोड़ें। पुन: दायें से सांस लें, कुछ देर रोकें, बायें नाक से सांस छोड़ें। इस प्रकार से इस क्रिया को 15 से 20 बार करें। इससे इम्यूनिटी (immunity) बढ़ती है। आपको ऊर्जा मिलती है। स्ट्रेस भी दूर होता है।
इन पांच आसनों के अलावा योग गुरु के निर्देशन में एरियल योग भी किया जा सकता है।
एंटी-ग्रेविटी योग या एरियल योग
यह योग का आधुनिक रूप है। पारंपरिक योगासनों से अलग यह रुचिकर है। इसका अभ्यास कर शरीर को फिट रखा जा सकता है। इससे शरीर मजबूत होता है। पाचन तंत्र में सुधार आता है। ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है।
इस आसन को करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। जिन्हें चक्कर आता हो या घुटने में दर्द हो उन्हें एरियल योग (aerial yoga) नहीं करना चाहिए। प्रेग्नेंट महिला को यह योगासन नहीं करना चाहिए।