रांची: स्थायीकरण, वेतनमान समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे पारा शिक्षकों का अगले चरण में 10 फरवरी को सीएम आवास घेराव का कार्यक्रम है। एक ओर जहां इसकी तेजी से तैयारी चल रही है।
वहीं, दूसरी ओर गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान आंदोलन में हुई हिंसा को लेकर पारा शिक्षकों को इसका डर भी सताने लगा है कि कहीं उनके आंदोलन में भी किसान आंदोलन जैसी हिंसा ना हो जाए।
इसको लेकर पाकुड़ के ओम प्रकाश भारती ने सभी से अनुशासित तरीके से आंदोलन करने का अनुरोध किया है।
साथ ही पारा शिक्षक 6 फरवरी को रांची भी कूच करेंगे।
अपनी मांगें मनवाने के लिए पारा शिक्षकों ने अब राजधानी में सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराने का मन बना लिया है। यहां राज्य परियोजना कार्यालय के घेराव की तैयारी है।
आंदोलनकारियों का उमड़ेगा जनसैलाब
ओम प्रकाश भारती ने कहा कि जब हमलोग आंदोलित रहते हैं उस वक्त सरकार की भाषा कुछ और होती है और आंदोलन समाप्त होते ही सरकार भूल जाती है कि पारा शिक्षक नाम का कोई कर्मी है।
इसलिए आप सबों से अनुरोध होगा कि झारखंड एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा द्वारा आहूत 10 फरवरी 2021 को मुख्यमंत्री आवास के घेराव कार्यक्रम में पारा शिक्षकों का जनसैलाब उमड़ पड़े परन्तु अनुशासित तरीके से, ध्यान रहे हमारे कार्यक्रम का कोई गलत फायदा न उठाए।
किसान आंदोलन के जैसा वरना सब गुड़ गोबर हो जाएगा। इसलिए प्रदेश नेतृत्वकर्ता से अनुरोध होगा कि राज्य के तमाम जिला अध्यक्ष अपने को अपने जिले के शिक्षकों को एक पहचान पत्र निर्गत करें, जिसे शिक्षक अपने साथ रखेंगे।
23 माह से बंद मानदेय का जल्द भुगतान हो
प्रदेश अध्यक्ष शेख सिद्दीक ने कहा है कि जिन पारा शिक्षकों का मानदेय 23 माह से बंद है, उनका मानदेय भुगतान अविलंब हो। पलामू के छतरपुर, नौडीहा बाजार के 436 पारा शिक्षकों का मानदेय भुगतान अविलंब हो।
जीरो बायोमेट्रिक उपस्तिथि के नाम पर लगभग 4000 पारा शिक्षकों को विगत जनवरी, फरवरी, मार्च 2020 का मानदेय भुगतान अविलंब हो।
जिसे राज्य परियोजना कार्यालय से रोक दिया गया है, जबकि ऐसे अनेक पारा शिक्षकों को या तो टैब, स्कैनर नहीं दिया गया या ख़राब हो गया, या नेटवर्क क़े कारण बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं बना सके।