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राशन की दुकान चलाने वालों को भी मिले कोरोना वॉरियर्स का दर्जा : प्रहलाद मोदी

फेयर शॉप चलाने वालों की कोरोना से मौत हुई लेकिन इन्हें कोरोना वॉरियर्स का दर्जा नहीं दिया गया

नई दिल्ली: ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन (AIFSDF) ने केन्द्र सरकार से राशन दुकान चलाने वालों को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा देने की मांग की है।

फेडरेशन के उपाध्यक्ष प्रहलाद मोदी ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में कुल 4842 फेयर शॉप चलाने वालों की कोरोना से मौत हुई लेकिन इन्हें कोरोना वॉरियर्स का दर्जा नहीं दिया गया।

लिहाजा कई लोगों को कोई आर्थिक मदद भी नहीं मिली है जबकि राशन की दुकान चलाने वालों ने कोरोना काल में लोगों को राशन बांटने का काम किया है।

उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि फेयर शॉप डीलरों को स्वास्थ्य कर्मियों की तरह ही कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) घोषित किया जाए।

ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के महासचिव विश्वंभर बासु ने कहा कि कई सालों से राशन डीलरों का कमिशन भी नहीं बढ़ाया गया है।

राशन डीलरों का कमिशन भी नहीं बढ़ाया गया है

मौजूदा समय में डीलरों को अनाज पर 20 पैसा प्रति किलो ही कमिशन दिया जा रहा है जबकि यह दर पहाड़ी क्षेत्रों में 37 पैसा प्रति किलो है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग रखी कि कमिशन को कम से कम 440 रुपये प्रति कुंतल किया जाना चाहिए।

इस संबंध में केन्द्र सरकार को कई बार मेमोरेंडम (Memorandum) दिया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसलिए फेडरेशन ने दो अगस्त को मानसून सत्र के दौरान संसद का घेराव करने का फैसला लिया है।

विश्वंभर बासु ने फेडरेशन की अन्य मांग बताते हुए कहा कि राशन डीलरों को घरेलु गैस एलपीजी सिलिंडर के साथ खाद्य तेल और दालों को बेचने का भी लाइसेंस दिया जाना चाहिए।

इससे राशन डीलरों को भी थोड़ी राहत मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को पश्चिम बंगाल में चल रहे राशन वितरण के मॉडल को अपनाना चाहिए। बता दें कि देश में पांच लाख से अधिक फेयर प्राइस दुकानें हैं।

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