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संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए करें Sakat Chauth का व्रत, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

गणेश जी की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क: हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ मास (Magh Month) के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (Chaturthi) तिथि को Sakat Chauth का व्रत रखा जाता है। इस तिथि को संकष्टी चतुर्थी, लंबोदर संकष्टी चतुर्थी, तिलकुटा चौथ, तिलकुट चतुर्थी, संकटा चौथ, माघी चौथ, तिल चौथ आदि नामों से भी जाना जाता है।

कहा जाता है कि इस व्रत को करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जो भी माताएं इस व्रत को करती है भगवान गणेश की कृपा उसके संतान को किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता।

सकट चौथ पर भगवान श्री गणेश की विशेष पूजा करने का विधान है। सकट चौथ के दिन श्री गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा अर्चना की जाती है।

इस बार का सकट चौथ सौभाग्य योग में है, जो मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला है। आइए जानते हैं कि ​इस साल पूजा का सही मुहूर्त (Puja Muhurat) क्या है और इसका महत्व (Importance) क्या है?

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ति​थि एवं महत्व

पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि आज 21 जनवरी को सुबह 08:51 बजे से शुरु हो गई है। चतुर्थी तिथि 22 जनवरी को सुबह 09:14 बजे तक है। चंद्रोदय के समयानुसार आज सकट चौथ का व्रत रखना उचित है क्योंकि 22 जनवरी में चतुर्थी तिथि का चंद्रोदय नहीं होगा। संकष्टी चतुर्थी में चंद्रमा की पूजा का महत्व होता है।

सकट चौथ का व्रत सभी संकटों को हरने वाला होता है, इसलिए इसे संकटा चौथ भी कहते हैं। सकट चौथ का व्रत संतान की सुरक्षा और परिवार की खुशहाली के रखा जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा में दूर्वा और मोदक भी अर्पित करते हैं। गणेश जी की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।

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शुभ मुहूर्त

सकट चौथ के दिन सौभाग्य योग आज सुबह से लेकर दोपहर 03 बजकर 06 मिनट तक है, उसके बाद से शोभन योग प्रारंभ हो जाएगा। यह 22 जनवरी को दोपहर तक है। ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं।

आज सुबह 09:43 बजे तक​ मघा नक्षत्र है, इसे मांगलिक कार्यों के लिए अच्छा नहीं मानते हैं। इस वजह से आप इस समय के बाद ही सकट चौथ की पूजा करें, तो ठीक रहेगा। सुबह 09:43 बजे के बाद पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र शुरू हो जाएगी, जो शुभ कार्यों के लिए ठीक माना जाता है।

सकट चौथ महत्व

संकष्टी चतुर्थी या सकट चौथ के दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने पर सुख, समृ्द्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है और संतान को किसी तरह का कष्ट नहीं होता है।

इस दिन को व्रत रखने से सभी सकंटों का नाश होता है। इसलिए इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। कहा जाता है कि सकट चौथ का व्रत रखने से गणेश जी प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं घर पर उनकी कृपा से हर काम बिना किसी बाधा के संपन्न होता है।

सकट चौथ पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और मंदिर में दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें। सकट चौथ पर लाल या पीले रंग का वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। इस रंग का वस्त्र धारण कर पूजा करें।

पूजा के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति दोनों होनी चाहिए। पूजा में गणेश मंत्र का जाप करें। गणेश मंत्र का जाप करते हुए 21 दुर्वा भगवान गणेश को अर्पित करें। पूजा के बाद रात में चांद को अर्घ्य दें। इसके बाद फलहार करते हुए व्रत का पारण करें।

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