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वैश्विक सुस्ती से निपटने के लिये शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं को मिलकर प्रयास करने की जरूरत : सीतारमण

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वाशिंगटन: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जी 20 देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक में कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास की गति में आयी सुस्ती से निपटने के लिये विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं को मिलकर प्रयास करना चाहिये।

वित्त मंत्रालय द्वारा ट्वीटर पर पोस्ट किये गये बयानों के मुताबिक केंद्रीय वित्त मंत्री ने बैठक में कहा कि लंबे समय तक मुद्रास्फीति के उच्च स्तर पर बने रहने, आपूर्ति बाधा, ऊर्जा बाजार में उतार-चढ़ाव, और निवेशकों की अनिश्चितता के कारण व्ैश्विक अर्थव्यवस्था के बढ़ने की रफ्तार धीमी हुई है।

वित्त मंत्री विश्व बैंक समूह के स्प्रिंग बैठक में शामिल होने के लिये सोमवार को वाशिंगटन पहुंची थीं। मंगलवार को उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की अध्यक्ष क्रिस्टलीना जॉर्जीवा से मुलाकात की थी और बुधवार को वह इस बैठक में शामिल हुईं।

यह जनवरी में अनुमानित विकास दर से 0.8 प्रतिशत और 0.2 प्रतिशत कम है

इंडोनेशिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक का एजेंडा आर्थिक परिद्श्य और जोखिम, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना और वैश्विक स्थिति था।

निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोइक्रोइकोनॉमिक्स से संबंधित परिणामों से निपटने के लिये अंतर्राष्ट्रीय नीति समन्वय को बढ़ाने हेतु जी-20 पूरी तरह तैयार है।

उन्होंने साथ ही अर्थव्यवस्थाओं को बचाने के लिये सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।

उल्लेखनीय है कि यह बैठक उस समय हो रही है, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था पहले से कोविड-19 संक्रमण के प्रभावों से जूझ रही थी और ऐसे में यूक्रेन पर रूस के हमले ने रही सही कसर भी मिटा दी।

आईएमएफ के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2021 की अनुमानित वृद्धि दर 6.1 से लुढ़ककर वित्त वर्ष 2022 और 2023 में 3.6 प्रतिशत हो जायेगी। यह जनवरी में अनुमानित विकास दर से 0.8 प्रतिशत और 0.2 प्रतिशत कम है।

भारतीय सरकार के प्रयासों से उत्साहित नजर आये

वर्ष 2023 के बाद मध्यम अवधि में वैश्विक अर्थव्यवस्था के करीब 3.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है।

आईएमएफ और विश्व बैंक ने भारत के विकास अनुमान को भी घटाया है। आईएमएफ ने कहा है कि भारत चालू वित्त वर्ष में 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा जो जनवरी में अनुमानित विकास दर से 0.8 प्रतिशत कम है।

विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 22 में भारत के आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है।

वित्त मंत्री ने बैठक से इतर भी अपने समकक्षों से मुलाकात की। वह सूरीनाम और नीदरलैंड के वित्त मंत्रियों से भी मिलीं।

उन्होंने अमेरिकी सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन के सीईओ जॉन नेफर से भी मुलाकात की। जॉन नेफर सेमीकंडक्टर हब बनने की दिशा में भारतीय सरकार के प्रयासों से उत्साहित नजर आये।

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