रांची: दो दिन पहले झारखंड की राजधानी रांची में उपद्रवियों द्वारा फैलाए गए दंगे के बाद मेन रोड (Main Road) समेत शहर के 6 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लगा दिया गया है।
वहीं, इस उपद्रव के बाद विभिन्न धार्मिक, व्यापारिक समेत अन्य संगठनों की ओर से शनिवार को रांची बंद का व्यापक असर दिखा। चारों ओर सन्नाटा पसरा रहा।
बंदी के दूसरे दिन भी मानो ऐसा लग रहा है कि राजधानी रांची उपद्रव में हुए नुकसान का दुख मना रही है। न ही कोई दुकान खुली है और न ही सड़कों पर वाहन सरपट दौड़ रहे हैं।
हालांकि जो लोग बहुत जरूरी होने पर घर से निकल भी रहे हैं वो जल्दी अपने घरों में जाने को बेताब हैं। स्थिति ये है कि जो लोग मेन रोड पहुंच भी रहे हैं, उनसे सुरक्षा बल के जवान सख्ती से पूछताछ (Inquiry) और जांच कर रहे हैं।
हालांकि अब शहर के व्यापारियों में दुकान खोलने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में दुकानें खोलनी है या नहीं, इस पर प्रशासन का साफ आदेश कुछ भी नहीं आया है, इस कारण उलझन की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
पांच से अधिक लोग नहीं हो सकते जमा
12 थाना क्षेत्र में धारा 144 है। इस कानून के मुताबिक एक स्थान पर पांच से अधिक लोग जमा नहीं हो सकते हैं। दुकानदारों का कहना है कि दुकानों में स्टाफ की संख्या अधिक है।
जबकि, नियम के अनुसार एक जगह पर पांच या इससे अधिक लोग नहीं जुट सकते हैं. यही नहीं, दुकानें खुलने पर ग्राहकों की भीड़ भी बढ़ेगी, ऐसे में ग्राहक को आने से कैसे रोक सकते हैं।
एक-दूसरे को फोन कर रहे दुकानदार
रविवार को दुकानें खोलने को लेकर कई व्यापारी एक-दूसरे को शनिवार की देर शाम से ही फोन कर रहे हैं, लेकिन किसी को कुछ पता नहीं चल पाया. झारखंड चेंबर के अध्यक्ष धीरज तनेजा (Dheeraj Taneja) ने कहा कि धारा 144 को लेकर दुकानें किस प्रकार संचालित करनी है, इस पर प्रशासन की तरफ से किसी तरह की जानकारी नहीं दी गयी है।
ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वे साफ-साफ इस संबंध में जानकारी दें। दुकानदार पूरी तरह से असमंजस की स्थिति में हैं। जब तक पूरी तरीके से दुकानें नहीं खुलेगी, तब तक स्थिति भी सामान्य नहीं हो पायेगी।
दुकानें बंद करने का नहीं दिया गया है आदेश
शनिवार को रांची बंद रहा। यह बंदी विभिन्न संगठनों की ओर से की गयी अपील के बाद रही। इधर बंदी को लेकर जिला प्रशासन ने अपना स्टेटमेंट दिया है।
रांची जिले के उपायुक्त छवि रंजन (Chhavi Ranjan) ने कहा है कि राजधानी में किसी भी दुकान को बंद कराने का ऑर्डर जिला प्रशासन की ओर से नहीं दिया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर पुलिस कहीं पर दुकान बंद कराती है, तो इसकी जानकारी एसएसपी ही दे सकते हैं। हालांकि उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि अगले आदेश तक धारा-144 लागू है। बहरहाल, रांची में दंगाइयों द्वारा मचाए गए उत्पात को लेकर हर कोई असमंजस में है।
लोगों में अभी भी भय है कि उपद्रव फिर से न दंगा शुरू कर दें। क्योंकि शुक्रवार को नमाज के बाद हुए उपद्रव में कई पुलिसकर्मी, आमलोग, मीडियाकर्मी समेत कई लोगों को चोट आई थी।
उपद्रव में शामिल दो नौजवानों की गोली लगने से मौत भी हो चुकी है। एक अन्य की स्थिति गंभीर (Situation Critical) बनी हुई है। उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।