नई दिल्ली: इनवाइट-ओनली, ऑडियो-चैट एप क्लबहाउस की बढ़ती लोकप्रियता बाद कई तकनीकी दिग्गजों ने अपने प्रतिद्वंद्वी से आगे निकलने के लिए जोर-आजमाइश शुरू कर दी है।
इस बीच अब ट्विटर ने एंड्रॉएड पर स्पेसेज का परीक्षण शुरू कर दिया है।
ट्विटर स्पेसेस टूल फिलहाल आईओएस-एक्सक्लूसिव फीचर्स जैसे कि वॉयस ट्विट्स के साथ आईओएस बीटा पर उपलब्ध है और यह अभी एंड्रॉएड डिवाइसों के लिए उपलब्ध नहीं है।
एक्सडीए डेवलपर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ एंड्रॉएड यूजर्स ने यह बताना शुरू कर दिया है कि ट्विटर एप के एक विशिष्ट बीटा वर्जन को इंस्टॉल करने के बाद स्पेसेस सुविधा उनके लिए काम कर रही है।
चूंकि एंड्रॉएड के लिए अभी भी इसके रोलआउट की घोषणा की जानी बाकी है, इसलिए इस समय इस सुविधा का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है और इसमें कुछ खामियां हैं।
वर्तमान में, यह सुविधा कुछ चुनिंदा एंड्रॉयड यूजर्स के लिए एक प्रारंभिक पूर्वावलोकन के रूप में उपलब्ध है, जो एप के बीटा प्रोग्राम का हिस्सा हैं।
इस फीचर में यूजर एक स्पेस बना सकते हैं, जिससे उसके फॉलोअर्स बातचीत (कन्वर्सेशन) में शामिल हो सकते हैं।
ट्विटर पर कोई भी कन्वर्सेशन पर सुन सकता है, हालांकि केवल मेजबान (होस्ट) ही नियंत्रित कर सकता है कि कौन बोल सकता है।
ट्विटर स्पेसेस के आधिकारिक अकाउंट ने हाल ही में कहा था, मानवीय आवाज (ह्यूमन वॉयस) अक्सर टेक्स्ट में नहीं मिल पाने वाली भावना, बारीकियों और सहानुभूति के माध्यम से ट्विटर से कनेक्टिविटी की एक लेयर (परत) ला सकती है।
इसने यह भी कहा कि कभी-कभी 280 अक्षर पर्याप्त नहीं होते हैं और आवाज लोगों को बातचीत में शामिल होने का एक और तरीका प्रदान करती है।
स्पेसेस के लॉन्च के अलावा, ट्विटर ने कहा कि वह परीक्षण के लिए अन्य विशेषताओं को भी विकसित कर रहा है, जिसमें हाथ के इशारों के समान प्रतिक्रियाएं, लाइव ट्रांसक्रिप्शन, रिपोर्टिग और ब्लॉक करना व स्पेस में ट्वीट्स साझा करने की क्षमता शामिल है।
ट्विटर इस साल मंच पर ऑडियो और वीडियो में स्वचालित कैप्शन जोड़ने की योजना बना रहा है, एक ऐसी सुविधा जो दिव्यांग लोगों को सर्विस को बहुत सार्थक तरीके से एक्सेस करने में मदद करेगी।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वॉयस ट्वीट में ट्रांसक्रिप्शन उपलब्ध हो पाएगा या नहीं।
क्लबहाउस वर्तमान में एप्पल ऐप स्टोर पर उपलब्ध है और इसे 80 लाख से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है। कंपनी अब एक एंड्रॉएड वर्जन पर काम कर रही है।
वहीं फेसबुक क्लबहाउस की तरह अपना खुद का सोशल ऑडियो एप बनाने के लिए भी काम कर रहा है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, सोशल नेटवर्क ने कर्मचारियों को क्लबहाउस जैसा एक उत्पाद बनाने के लिए कहा है। उत्पाद विकास के अपने शुरुआती चरणों में है और परियोजना का कोड नाम बदला भी जा सकता है।