Uniform Civil Code : यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर राजनीती भी शुरू हो गई है। कोई पक्ष में बात करता है तो कोई विपक्ष में।
UCC का विरोध सबसे अधिक मुसलमान पक्षों (Muslim Sides) ने किया है। बता दें कि इसका ड्राफ्ट अभी तक बन कर नहीं आया है। फ़िलहाल इसे लेकर कुछ लोग उत्साहित हैं। तो वही कुछ लोग चिंतित हैं।
UCC के नाम से ही मालूम पड़ता है कि इसमें देश के सभी नागरिकों के लिए एक कानून होगा। PM मोदी (PM Modi) भी अपने भाषण में ये बात कह चुके हैं कि दो कानून के साथ देश कैसे चलेगा?
UCC में शादी के नियम
लोगों को इस बात का इंतज़ार है कि क्या देश में सभी के लिए शादी का एक नियम होगा? हालांकि, अभी इस बारे में भी कोई आधिकारिक घोषणा (Official Announcement) नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि सभी को केवल एक शादी की इजाजत होगी और पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी नहीं हो सकेगी। ये बात तार्किक रूप से सही लगती है लेकिन अगर ऐसा होता है तो इसमें एक व्यवहारिक समस्या है।
लाखों हिंदू औरतों हैं दूसरी बीवी
केवल एक शादी को मान्यता देने के बाद उन लाखों हिंदू औरतों (Hindu women) के सामने सवाल खड़ा हो जाएगा जो दूसरी बीबी बनकर रह रही हैं।
यहां ध्यान देने की बात है कि वर्तमान में लागू हिंदू कोड बिल (Hindu code bill) के तहत भी हिंदुओं को पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी करने की इजाजत नहीं है, लेकिन बड़ी संख्या में हिंदू पुरुषों ने दूसरी शादी की है, उनकी दूसरी पत्नियों को कोई कानूनी दर्जा नहीं है।
UCC में दूसरी पत्नी के लिए क्या?
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) में कानून और संविधान पढ़ाने वाले प्रोफेसर फैजान मुस्तफा कहते हैं, UCC में इस बात पर भी सोचना होगा कि अगर किसी ने दूसरी शादी कर ली तो दूसरी पत्नी के क्या अधिकार होंगे। उन्होंने दावा किया कि देश में लाखों हिंदू औरतें दूसरी बीवी बनकर रह रही हैं।
लिव-इन में रह रही महिलाओं का क्या?
मुस्तफा ने कहा दूसरी शादी करने की क्या जरूरत है। आजकल लिव-इन रिलेशनशिप (Live-in Relationship) का चलन भी बढ़ा है। लोग लिव-इन में रह सकते हैं।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि Live-in में रहने वाले को तो अधिकार मिलेंगे लेकिन दूसरी शादी से बनी पत्नी को ऐसा कोई अधिकार नहीं मिलेगा, तो ये कैसा होगा?