मुंबई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूक्रेन पर रूस के हमले से उपजे हालात को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्विक शांति के लिए उत्पन्न सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए शुक्रवार को कहा कि हालिया घटनाक्रम ने भारत के विकास के सामने बाधा खड़ी कर दी है।
सीतारमण ने ‘एशिया इकोनॉमिक डायलॉग’ को संबोधित करते हुए कहा कि मानवीय कल्याण के लिए किसी तरह की अड़चन या अशांति के बगैर एक अनुकूल परिवेश की जरूरत है ताकि कोविड-19 महामारी के बाद आर्थिक पुनरुद्धार को टिकाऊ बनाया जा सके।
उन्होंने कहा, “भारत के विकास के समक्ष दुनिया में उत्पन्न हो रही नई चुनौतियों से बाधाएं खड़ी होने वाली हैं।
शांति को खतरा पैदा हुआ है और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दुनिया ने इस स्तर के और ऐसे असर वाले किसी युद्ध का अनुभव शायद नहीं किया है।”
सीतारमण ने विदेश मंत्रालय और पुणे इंटरनेशनल सेंटर की तरफ से आयोजित इस सम्मेलन में कहा, “उम्मीद है कि जल्द-से-जल्द शांति बहाली होगी जिसके आधार पर आर्थिक पुनरुद्धार टिकाऊ हो सकता है।”
उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी इस जंग से भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के आर्थिक पुनरुद्धार पर गहरा असर पड़ने की आशंका जताते हुए कहा कि मानवता के कल्याण के लिए पुनरुद्धार का टिकाऊ होना जरूरी है जो किसी तरह की बाधा से भी मुक्त हो।
वित्त मंत्री ने यह बात यूक्रेन पर रूस के सैन्य हमले के एक दिन बाद कही है। इसकी वजह से समूची दुनिया के बाजारों में उठापटक देखी जा रही है।