विदेश

Ukraine-Russia War : यूक्रेन के Chernobyl Nuclear Power Plant से रेडिएशन फैलने का खतरा बढ़ा

यहां पर 1986 में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु आपदा आई थी

कीव: यूक्रेन के चेरनोबिल न्यूक्लियर प्लांट से रेडिएशन फैलने का खतरा बढ़ गया है। इस प्लांट पर रूस की सेना का कब्जा है। यहां के कर्मचारियों का कहना है कि रूस के हमले की वजह से यहां पर काम पूरी तरह से रुका हुआ है।

यूक्रेन के ऊर्जा ऑपरेटर उक्रेनेर्गो ने बुधवार को कहा कि चेरनोबिल पावर प्लांट और इसकी सुरक्षा प्रणालियों के लिए बिजली को पूरी तरह से काट दिया गया है।

यहां पर 1986 में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु आपदा आई थी। उक्रेनेर्गो ने फेसबुक पर जारी बयान में कहा है कि न्यूक्लियर पावर प्लांट पावर ग्रिड से पूरी तरह से डिस्कनेक्ट हो गया है। यहां पर सैन्य कार्रवाई का अर्थ लाइनों को रिस्टोर करने की संभावना का क्षीण होना है।

यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने रशियन सेना के कब्जे वाले चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट की ताजा हालत पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगाह किया है।

उन्होंने कहा है कि प्लांट को सप्लाई करने वाला एकमात्र इलेक्ट्रिकल ग्रिड और इसकी सभी परमाणु सुविधाएं क्षतिग्रस्त हैं। न्यूक्लियर प्लांट की बिजली सप्लाई बंद हो गई है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय रूस पर आग बुझाने की दबाव बनाए। साथ ही मरम्मत करने वाली यूनिट को बिजली आपूर्ति बहाल करने की इजाजत दी जाए।

कुलेबा ने कहा है कि चेरनोबिल को बिजली देने के लिए रिजर्व डीजल जनरेटर 48 घंटे तक ही काम कर सकता है। उसके बाद स्टोरेज फैसिलिटी का कूलिंग सिस्टम बंद हो जाएगा। इसके बाद रेडिएशन का खतरा बढ़ जाएगा। पुतिन का बर्बर युद्ध पूरे यूरोप को खतरे में डाल देगा।

उल्लेखनीय है कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमलाकर इस प्लांट पर कब्जा कर लिया था। इस पर सारी दुनिया ने चिंता जताई थी।

यहां 1986 की आपदा में सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी और समूचे यूरोप में रेडियोएक्टिव कंटेमिनेशन फैल गया था। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी ने यहां डेटा ट्रांसमिट नहीं होने पर मंगलवार को चिंता जताई थी।

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