पटना: BJP के राज्यसभा (Rajya Sabha) MP सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने आरोप लगाया है कि बिहार के CM नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की क्षेत्र में चल रही समाधान यात्रा के दौरान चंपारण में नौकरी के इच्छुक लोगों को नजरबंद रखा गया था।
सुशील मोदी ने दावा किया कि नीतीश कुमार राज्य में सचिवालय सहायक और शिक्षक पदों के उम्मीदवारों के विरोध से डरते हैं।
मोदी ने कहा, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण (West Champaran) जिलों के अधिकारी सचिवालय सहायक और शिक्षक उम्मीदवारों के घरों में गए और उन्हें घर के अंदर रहने या परिणाम भुगतने की धमकी दी।
इन दोनों जिलों के प्रशासन ने नीतीश कुमार को नौकरी चाहने वालों के विरोध से बचाने के लिए गंदी चाल चली। सुशील मोदी ने कहा, अगर नीतीश कुमार सोच रहे हैं कि इससे मसले सुलझ जाएंगे तो यह उनकी गलतफहमी है।
BJP नेता ने 3 जनवरी को नौकरी चाहने वालों पर लाठीचार्ज के लिए भी नीतीश कुमार की खिंचाई की। उन्होंने कहा, नीतीश कुमार, जो गृह मंत्री का पद भी संभाल रहे हैं, लाठीचार्ज से अनजान हैं।
या तो नीतीश कुमार नाटक कर रहे या नौकरशाह उन्हें गुमराह कर रहे हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है।
बिहार में प्रश्नपत्र लीक होना आम बात हो गई है
सुशील मोदी ने जोर देकर कहा,बिहार में प्रश्नपत्र लीक होना आम बात हो गई है। आठ साल बाद सचिवालय सहायक की परीक्षा होती है और परीक्षा के दिन ही उसके प्रश्नपत्र लीक हो जाते हैं। इसमें नौ लाख अभ्यर्थियों ने भाग लिया था। इसी तरह अन्य परीक्षाओं की भी स्थिति है।
उन्होंेने कहा, डेढ़ करोड़ उम्मीदवारों ने रेलवे परीक्षा में भाग लिया, लेकिन एक भी बार प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ।
फुलप्रूफ व्यवस्था करने के लिए बिहार सरकार TCS जैसी कंपनियों की सेवाएं ले सकती है। यह मदद क्यों नहीं ले रही है। CM ऐसे मुद्दों के समाधान में रुचि नहीं रखते हैं, वह समाधान यात्रा के माध्यम से राजनीति कर रहे हैं।
नीतीश अपनी समाधान यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार को सीतामढ़ी पहुंचे।