नई दिल्ली : ‘वर्ष 2008 में जब तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार और अमेरिका (America) के साथ उसके परमाणु समझौते (Nuclear Deal) पर संकट के बादल मंडरा रहे थे, तब गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद (Atiq Ahmed) ने सरकार बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।’
यह दावा एक पुस्तक ‘Bahubali’s of Indian Politics: From Bullet to Ballot’ में किया गया है। विपक्ष तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार (Manmohan Singh Government) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) लाया था और संप्रग सरकार एवं अमेरिका के साथ किया गया परमाणु समझौता दांव पर लग गया था।
पुस्तक के अनुसार, तब अतीक सहित छह Delinquent MPs को 48 घंटे के भीतर विभिन्न जेलों से फर्लो पर छोड़ा गया था। इन छह MPs में समाजवादी पार्टी (SP) का तत्कालीन लोकसभा सदस्य अतीक अहमद (Atiq Ahmed) था, जो तत्कालीन इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहा था।
पुस्तक में किया गया उल्लेख
राजेश सिंह द्वारा लिखित और Rupa Publication द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में उल्लेख किया गया है कि अतीक उन बाहुबलियों में से एक था, जिन्होंने संप्रग सरकार को गिरने से बचाया था।
असैन्य परमाणु समझौता (Civil Nuclear Agreement) करने के सरकार के फैसले पर वाम दलों ने 2008 के मध्य में सरकार को दिया गया अपना बाहरी समर्थन वापस ले लिया था।
लोकसभा में UPA के 228 सदस्य थे: सिंह
सिंह ने लिखा, ‘‘लोकसभा (Lok Sabha) में UPA के 228 सदस्य थे और अविश्वास प्रस्ताव से उबरने के लिए सरकार को 44 वोट कम पड़ रहे थे।
PM सिंह ने, हालांकि, विश्वास (Confidence) व्यक्त किया था कि उनकी सरकार सत्ता में बनी रहेगी। यह जल्द ही स्पष्ट हो गया कि वह Vote of Confidence कहां से आया था।”
इन पार्टियों ने UPA को दिया था समर्थन
उन्होंने लिखा है कि तब समाजवादी पार्टी, अजीत सिंह (Ajit Singh) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक दल (RLD) और एच डी देवेगौड़ा की जनता दल (Secular) ने UPA को अपना समर्थन दिया था। उन्होंने आगे लिखा कि संप्रग को समर्थन देने वाले अन्य MPs में ये ‘बाहुबली नेता’ भी शामिल थे।
100 से अधिक मामले दर्ज
पुस्तक में कहा गया है, ‘‘(विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर) मतदान से 48 घंटे पहले सरकार ने देश के कानून (Law) तोड़ने वालों में से छह को फर्लो पर जेल से बाहर निकाल दिया था, ताकि वे अपने संवैधानिक दायित्वों (Constitutional Obligations) को पूरा कर सकें।
इन बाहुबली MPs पर कुल मिलाकर अपहरण, हत्या, जबरन वसूली, आगजनी सहित 100 से अधिक मामले दर्ज थे।
अतीक ने खुद की पहचान राजनेता, ठेकेदार, बिल्डर, प्रॉपर्टी डीलर रूप में बनाई
पुस्तक के अनुसार, ‘‘इन बाहुबली MPs में से एक उत्तर प्रदेश (UP) से समाजवादी पार्टी का सांसद अतीक अहमद था। उसने अपना Vote डाला था और वह भी संकटग्रस्त संप्रग के पक्ष में।” उस समय तक Atiq Ahmed खुद को अपराध और राजनीति – दोनों क्षेत्रों में स्थापित कर चुका था।
अतीक (60) ने खुद की पहचान एक राजनेता, ठेकेदार, बिल्डर, प्रॉपर्टी डीलर (Property Dealer) और कृषक के रूप में बनाई, लेकिन उसके खिलाफ अपहरण, जबरन वसूली और हत्या सहित गंभीर आपराधिक आरोप भी थे।
दोनों भाइयों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गया था
अतीक और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज (Prayagraj) के एक अस्पताल के बाहर शनिवार रात हत्या कर दी गई। दोनों भाइयों को मेडिकल जांच (Medical Examination) के लिए अस्पताल लाया गया था, जहां मीडियाकर्मी के वेश में तीन अपराधियों ने गोली मारकर दोनों की हत्या कर दी।
इससे पहले बृहस्पतिवार को अतीक का बेटा असद और उसका सहयोगी गुलाम, विशेष कार्यबल (STF) के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।