पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी मामले में न्यूज एंकर की याचिका पर फैसला सुरक्षित

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक निजी चैनल की Anchor Navika Kumar को पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी मामले में विभिन्न राज्यों में दर्ज FIR को एक जगह करने की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसला सुरक्षित रखने का आदेश दिया।

आज सुनवाई के दौरान नविका कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल ने कहा कि 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज सभी FIR  को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।

नुपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज FIR में सभी आरोपित समान हैं और तथ्य भी समान हैं । इसलिए नुपुर शर्मा को मिली राहत नविका कुमार को भी मिलनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने 8 अगस्त को नविका कुमार की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी। नविका कुमार की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि जिस TV Show  को लेकर FIR दर्ज की गई है, उसमें एंकर ने कुछ नहीं कहा।

डिबेट के दौरान एक पक्ष ने जब बोलना शुरू किया तो दूसरे पक्ष ने जवाब दिया। डिबेट के दौरान एंकर ने दोनों पक्ष के झगड़े को सुलझाने का काम किया।

जस्टिस कृष्ण मुरारी ने पूछा कि क्या यह सही नहीं है कि कई FIR दर्ज की गई हैं

जिस महिला ने बयान दिया, उसके खिलाफ कई FR दर्ज की गई हैं और एंकर के खिलाफ भी कई FIR हुई हैं। पांच छह एफआईआर तो पश्चिम बंगाल में दर्ज हैं। पहली FIR दिल्ली में हुई थी।

सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि एंकर ने सही FIR याचिका में नहीं लगाई है।

तब जस्टिस कृष्ण मुरारी ने पूछा कि क्या यह सही नहीं है कि कई FIR दर्ज की गई हैं। तब गुरुस्वामी ने कहा कि हां। तब रोहतगी ने कहा कि इसमें पश्चिम बंगाल सरकार का कौन सा अतिरिक्त हित है।

उसके बाद कोर्ट ने नविका कुमार के खिलाफ किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई (preventive action) पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया। मुकुल रोहतगी ने FIR में जांच पर भी रोक लगाने की मांग की तब कोर्ट ने कहा कि बिना प्रतिवादी का पक्ष सुने ये आदेश जारी नहीं किया जा सकता है।

19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में भाजपा से निलंबित नेता नूपुर शर्मा को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी।