मुंबई: चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी (MS DHONI) ने स्वीकार किया कि वानखेड़े स्टेडियम में गुजरात टाइटंस के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करने का फैसला गलत साबित हुआ।
ऋतुराज गायकवाड़ की 49 गेंदों में 53 रनों की पारी को छोड़कर, चेन्नई का कोई भी बल्लेबाज लंबे समय तक नहीं टिक सका और बड़ा स्कोर हासिल करने में नाकाम रहे, जिससे चेन्नई ने अपने 20 ओवरों में सिर्फ 133/5 रन बनाए। इसके अलावा, गुजरात के गेंदबाजी आक्रमण ने चेन्नई के बल्लेबाजों को अंतिम पांच ओवरों में रन की गति को रोक लगा दी थी।
बीच के ओवरों में रन गति बढ़ाई जा सकती थी
धोनी ने मैच के बाद कहा, टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला वास्तव में अच्छा विचार नहीं था। बल्लेबाजों के लिए पहले हाफ में तेज गेंदबाजों को हिट करना कठिन था।
स्पिनरों के लिए दोनों पारी में पिच अच्छी थी। इसके अलावा, हमने नए खिलाड़ियों को मौका दिया और बीच के ओवरों में यह उनके लिए थोड़ा कठिन था। धोनी ने बताया कि क्यों एन. जगदीशन को ऑलराउंडर शिवम दुबे से आगे भेजा गया।
उन्होंने कहा, बीच के ओवरों में रन गति बढ़ाई जा सकती थी। साई ने बीच में वास्तव में अच्छी गेंदबाजी की। हम शिवम को क्रम में ऊपर भेज सकते थे, लेकिन हम चाहते थे कि जगदीशन बीच के ओवरों में समय लेकर रन बनाए।
मैच से पहले अधिक खिलाड़ियों को मौका देने की कोशिश करेगी
वहीं, युवा तेज गेंदबाज मथीशा पथिराना ने अपने आईपीएल डेब्यू पर शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने शुभमन गिल और हार्दिक पंड्या को आउट करके धोनी को प्रभावित किया।
उन्होंने कहा, वह एक बेहतरीन डेथ बॉलर है, जो मलिंगा से थोड़ा मिलता-जुलता है। उसके बॉलिंग एक्शन से गलती की गुंजाइश बहुत कम है क्योंकि उन्हें पिच से ज्यादा उछाल नहीं मिलेगी। वहीं उछाल वाली पिच से उन्हें काफी मदद भी मिलेगी।
धोनी ने आगे कहा कि चेन्नई ब्रेबोर्न स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ अंतिम लीग मैच से पहले अधिक खिलाड़ियों को मौका देने की कोशिश करेगी।