Insomnia Disease : रात में नींद (Sleep at Night) ना करवटें बदलते रहे उसके पीछे बहुत से कारण होते हैं। एक कारण प्यार में पड़ना तो दूसरा कामकाज का भारी बोझ।
दिनभर की थकान के बाद अगर सुकून की नींद मिल जाए तो दूसरे दिन नई शुरुआत करना बहुत ही फ्रेश (Fresh) होता है। लेकिन, यह रात की सुकून भरी नींद हर किसी के खाते में दर्ज नहीं होती है।
इस बीमारी को नाइट ड्रेड (Night Dread) के नाम से जाना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकतर कामकाजी लोगों को रात में बार-बार जगने की आदत पड़ जाती है।
अगर आपकी आंख भी रात में सोते समय बेमतलब ही कई बार खुलती है तो आप कटस्ट्रोफिसिंग या नाइट ड्रेड नामक बीमारी (Catastrophizing or Night Dread Disease) के शिकार हो सकते हैं। इस बीमारी में आधी रात में नींद खुल जाती है और इंसान चौंक कर बैठ जाता है।
इंसोमेनिया की बीमारी से है बहुत अलग
आजकल की जिंदगी में घर, रिश्तों और Office के काम का प्रेशर तनाव को बढ़ाने के लिए काफी है। आपकी सुकून भरी नींद से तनाव का गहरा रिश्ता है।
जब आपका दिमाग शांत होता है तो आपको अच्छी नींद आती है और आप दिनभर ताजगी से भरे रहते हैं। लेकिन जैसे ही आपका दिमाग प्रेशर और तनाव से भर जाता है तो आपकी सोने की आदतों पर प्रभाव डालती है। यह समस्या इंसोमेनिया की बीमारी (Insomniac Disease) से बहुत अलग है इसलिए इसे इस बीमारी से न जोड़ें।
उठ जाते हैं डर की वजह से
किसी भी चिंता की वजह से रात को नींद का टूट जाना, बेचैनी महसूस होना, मन उदास होना, तनाव और पसीने का आना आदि आम लक्षण हैं।
कारण एक व्यक्ति 90-120 मिनट के बीच में सोता है और इनमें से अधिकांश लोग इस बीच करवट बदलते हैं और फिर सो जाते हैं। लेकिन इसके विपरीत कई लोग चिंता और डर की वजह से उठ जाते हैं और फिर दोबारा सो नहीं पाते हैं। यह समस्या किसी को भी हो सकती है।
कई कारण हो सकते हैं इस बीमारी के
इस बीमारी के कई कारण हो सकते हैं जैसे: देर रात तक जागना, खानपान की आदतों का खराब होना, डिप्रेशन और मेनोपॉज (Depression and Menopause) जल्द हो जाना।
इस बीमारी का प्रतिशत हर रोज बढ़ता जा रहा है और इसके शिकार स्कूली बच्चे भी हो रहे हैं। इस बीमारी में लोग अकारण डर के शिकार हो जाते हैं और बिना बात के ही जल्दी हाइपर (Hyper) होने लगते हैं।
यह बीमारी ज्यादातर नकारात्मक सोच रखने वालों को अपनी गिरफ्त में लेती है। बच्चों में भी इस तरह एंग्जाइटी डिस्ऑर्डर (Anxiety Disorder) देखने को मिल रहा है। यह ऐसे लोगों के साथ होता है जो लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते हैं।
क्या है बचने का तरीका
अपने दिमाग में सकारात्मक भाव (Positive Attitude) लाने के प्रयास करें। मन की बातों को किसी करीबी से शेयर करें या फिर अपनी भावनाओं को डायरी में लिखना शुरू कर दें।
इस समस्या को समय रहते ठीक करना बहुत जरुरी है। रात में सोते समय आप अच्छी किताब पढ़ने की आदत डालें। साथ ही लड़ाई-झगड़े वाली मूवीज और गेम्स (Movies and Games) से दूर रहें।
सोने से पहले कुछ जरूरी काम करने की डालें आदत
अपने Daily Routine को बनाएं रखें। सोने से पहले कुछ जरूरी काम करने की आदत डालें जैसे: गहरी सांस लेना, अपने तकिए पर लैवेंडर के तेल की कुछ बूंदें लगाए, कैमोमाइल चाय पीएं, सॉफ्ट म्यूजिक (Drink Chamomile Tea, Soft Music) सुनें।
म्यूजिक सुनने से दिमाग को आराम मिलता है और वह नकारात्मक भाव से दूर रहता है। ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) को नाॅर्मल रखने के लिए व्यायाम करें जिससे नींद आपको अच्छी नींद आएगी।
नींद का रुटीन बिगड़ने से इंसान में चिड़चिड़ा हो जाता है और इस कारण मोटापा, टाइप 2 मधुमेह और दिल की बीमारी (Obesity, Type 2 Diabetes And Heart Disease) का खतरा भी बढ़ जाता है।
Disclaimer : यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें। News Aroma इसकी पुष्टि नहीं करता है।