बेंगलुरु: कर्नाटक भाजपा के पंचायत राज और ग्रामीण विकास मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा ने सोमवार को शिवमोगा जिले में एक हिंदू कार्यकर्ता की हत्या पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक विशेष समुदाय के कुछ गुंडों द्वारा किया गया कार्य था और कांग्रेस के बयानों ने हमलों को प्रोत्साहित किया है।
उन्होंने कहा, हम राज्य में इस गुंडागिरी की अनुमति नहीं देंगे। शिवमोगा में रविवार रात बदमाशों ने बजरंग दल के 23 वर्षीय कार्यकर्ता हर्षा की चाकू मारकर हत्या कर दी थी।
पथराव और वाहनों को जलाने की घटनाओं के बाद जिले में दो दिनों के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। शहर को पुलिस का गढ़ बना दिया गया है। पूरे राज्य में पुलिस महकमा हाई अलर्ट पर है।
ईश्वरप्पा ने कहा, गुंडों में इतनी हिम्मत नहीं हो सकती। मैंने इस मुद्दे पर गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र से बात की है। इन गुंडों को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के हिजाब विवाद पर बयान से प्रोत्साहित किया जाता है जिसमें आरोप लगाया गया है कि 60 लाख भगवा शॉल है भाजपा नेताओं और राष्ट्रीय ध्वज को हटाने और भगवा ध्वज फहराने पर उनके बयान द्वारा प्रायोजित किया गया था।
उन्होंने कहा, हत्या किए गए युवक के परिवार की जिम्मेदारी संगठन की है। युवा एक अच्छा इंसान और ईमानदार व्यक्ति था। मैं उसके परिवार से मिलने के लिए शिवमोग्गा की यात्रा कर रहा हूं।
बी.के. परिषद में विपक्ष के नेता हरिप्रसाद ने ईश्वरप्पा के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा, उनके बयान से समाज में शांति भंग होगी।
डी.के. शिवकुमार ने कहा कि हत्या की उचित जांच होनी चाहिए और अपराधी चाहे जो भी हों, कानून के चंगुल से नहीं भागना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी रक्षा नहीं की जानी चाहिए।
गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि हत्या के पीछे चार से पांच लोग हैं और इसकी पुष्टि होनी बाकी है। उन्होंने कहा, इस मामले में उन बदमाशों को स्पष्ट संदेश दिया जाएगा जो सोचते हैं कि इस तरह की हरकत करने के बाद वे बच सकते हैं। इस तरह के रवैये का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
पूर्व मंत्री प्रियांक खड़गे ने इसे मुख्यमंत्री और गृह मंत्री की विफलता करार दिया। उन्होंने सवाल किया, इतने दिनों में इंटेलिजेंस क्या कर रही थी? शिवमोगा में हिजाब को लेकर हंगामा हो रहा है, यहां भी झण्डा विवाद हुआ, इंटेलिजेंस क्या कर रही है?