रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में सोमवार को गॉलब्लैडर के ऑपरेशन (Gallbladder Surgery) के बाद 30 वर्षीय युवक की हालत बिगड़ने पर मौत मामले में हत्या की FIR को निरस्त करने को लेकर स्टैनफोर्ड अस्पताल (Stanford Hospital), देवघर के डॉ प्रशांत कुमार गुप्ता की याचिका पर सुनवाई हुई।
मामले में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं देते हुए याचिका निष्पादित कर दी।
हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट जैकब मैथ्यू के तर्ज पर इससे जुड़े मामले के अनुसंधानकर्ता को जांच करने का निर्देश दिया है।
जैकब मैथ्यू के जजमेंट के तहत अनुसंधान करने का निर्देश कोर्ट ने दिया
सुप्रीम कोर्ट के इस जजमेंट में यह गाइडलाइन दिया गया कि किसी डॉक्टर के खिलाफ जब FIR होती है तो उसमें अनुसंधानकर्ता कैसे प्रोसीड (Proceed) करते हैं।
मामले के अनुसंधानकर्ता को सुप्रीम कोर्ट के जैकब मैथ्यू के जजमेंट के तहत अनुसंधान करने का निर्देश कोर्ट ने दिया।
कोर्ट ने डॉक्टर प्रशांत कुमार के खिलाफ पूर्व में पीड़क कार्रवाई पर लगाई गई रोक को भी खत्म कर दिया है।
RIMS जाने के रास्ते में ही सुदीप की मौत हो गई थी
पूर्व की सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था युवक सुदीप कुमार सिंह की मौत का मामला न तो मर्डर का है और न ही मेडिकल नेगलिजेंस (Medical Negligence) का है।
इसलिए इसे लेकर दर्ज हत्या की प्राथमिकी को निरस्त किया जाए। वहीं मामले के सूचक मृतक के पिता कल्याण कुमार सिंह की ओर से कहा गया था कि सुदीप कुमार की मौत हत्या का मामला है।
डॉ प्रशांत कुमार गुप्ता ने उसके बेटे का गॉलब्लैडर का ऑपरेशन किया था, हालत बिगड़ने पर उसे आनन-फानन में RIMS रेफर कर दिया गया था। RIMS जाने के रास्ते में ही सुदीप की मौत हो गई थी।