रांची: भाजपा के पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमला और अंगरक्षक की हत्या में शामिल 10 लाख के इनामी नक्सली जोनल कमांडर सुरेश सिंह मुंडा और उसके सहयोगी दो लाख के इनामी नक्सली लोदरो लोहार ने मंगलवार को झारखंड पुलिस के समक्ष हथियार डाल दिए।
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता सह आईजी अभियान एवी होमकर, एसटीएफ डीआईजी अनूप बिरथरे, आईजी पंकज कंबोज और सीआरपीएफ के अधिकारी के समक्ष दोनों इनामी नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
नक्सली सुरेश सिंह मुंडा एक करोड़ के इनामी अनल दा दस्ते का प्रमुख सदस्य रहा है। कुंदन पाहन के लिए भी रांची और खूंटी इलाके में संगठन के लिए उसने काम किया है।
सुरेश सिंह मुंडा रांची के बुंडू थाना अंतर्गत बाराहातू का रहने वाला है। उस पर 67 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जबकि लोदरो पर करीब 54 मामले दर्ज हैं।
आईजी अभियान ने बताया कि अभियान के कारण नक्सली बैकफुट पर हैं। इसका फायदा पुलिस को मिल रहा है। साथ ही सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के कारण भी नक्सली हथियार छोड़ मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं।
इस आत्मसमर्पण से नक्सलियों को दो टूक संदेह भी दिया गया कि वे मुख्य धारा में शामिल हो या फिर पुलिस कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
आंतरिक शोषण से तंग आकर किया सरेंडर
फरवरी 2021 में पोड़ाहाट में भाकपा माओवादी के सक्रिय जोनल कमांडर जीवन कांडूलना के सरेंडर करने के बाद सुरेश मुंडा और लोदरो मुंडा को पोड़ाहाट भेजा गया था।
पुलिस की बढ़ती दबिश और संगठन के आंतरिक शोषण से तंग आकर सुरेश और लोदरों ने झारखंड पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। सुरेश मुंडा पिछले 25 वर्षो से भाकपा माओवादी संगठन में सक्रिय था।