रांची: राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिशा-निर्देश में राज्य के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कृषि एवं पशुपालन विभाग ने कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं।
राज्य के किसानों को कृषि एवं पशुपालन से जुड़ी केंद्र एवं राज्य संपोषित योजनाओं की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हो सके और वंचित किसान इन योजनाओं का हिस्सा बने, इसके लिए पूरे राज्य में 100 किसान मेला का आयोजन कोविड गाइडलाइन के मुताबिक किया जाएगा। किसान मेला आयोजन में राज्य सरकार के पदाधिकारी कृषि से जुड़ी योजनाओं की जानकारी किसानों को देंगे।
यह बातें राज्य के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने विभागीय समीक्षा के बाद सोमवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
बादल ने बताया कि केंद्र एवं राज्य संपोषित योजनाओं की समीक्षा सभी जिलों के उपायुक्तों एवं प्रमंडल स्तर पर की जाएगी। अब तक किसान ऋण माफी योजना के तहत राज्य के 5.79 लाख किसानों का डाटा अपलोड किया जा चुका है तथा 2.58 लाख किसानों का ऋण माफ किया गया है।
सरकार ने 9.02 लाख किसानों के ऋण माफी का लक्ष्य रखा था जो प्रक्रिया में है तथा अब तक 1036 करोड़ की राशि बैंकों को दी जा चुकी है। साथ ही किसानों को पुनः बैंक लोन मिले इसके लिए केवाईसी की जा रही है और अब तक 8.40 लाख आवेदन प्रखंड के माध्यम से बैंक को दिया जा चुका है।
कृषि मंत्री ने बताया कि खरीफ के मौसम में समय पर बीजों का वितरण किया गया तथा सरकार अगले वर्ष भी किसानों को बीज वितरण ससमय कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बीज निगम के पदाधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की गई है।
बादल ने कहा कि राज्य में कृषक को सशक्त करने के लिए और उन्हें सरकारी योजनाओं का समय लाभ मिले इसके लिए सभी लैंप्स और पैक्स को मजबूत बनाया जाएगा।
राज्य के 600 लैंप्स पैक्स को कार्यशील पूंजी दी जाएगी साथ ही उन्हें प्रज्ञा केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। सहकारिता विभाग 5000 मैट्रिक टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज का निर्माण 19 स्थानों पर किया जा रहा है शेष छह जिलों में भी स्वीकृति दी जा चुकी है।
इस वित्तीय वर्ष में 60 लाख क्विंटल धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया था उसके विरुद्ध हमने 103 प्रतिशत धान की अधिप्राप्ति करते हुए 62 लाख क्विंटल से ज्यादा धान की अधिप्राप्ति की है।
अगले वित्तीय वर्ष में 80 लाख क्विंटल धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है। मत्स्य विभाग की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने बताया कि मछली सीड 50 प्रतिशत अनुदानित दर पर 18 किलो अधिकतम एक मत्स्य उत्पादक को सरकार की ओर से दी जा रही है।
साथ ही पीएम मत्स्य संपदा योजना की लगातार मॉनिटरिंग विभाग कर रहा है। वहीं मुख्यमंत्री पशुधन योजना के लिए किसानों से और किसानों की मनपसंद के पशुधन उन्हें उपलब्ध कराए जा सकें, इसके लिए सभी प्रखंडों में आगामी 29 अक्टूबर से नौ नवंबर तक मेले का आयोजन कोविड गाइडलाइन के अनुसार किया जा रहा है।
मेले में किसानों से उनके आवेदन प्राप्त किए जाएंगे एवं उनकी स्वीकृति प्रदान की जाएगी। वहीं दुमका में मॉडल पशु अस्पताल के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है एवं जयपाल सिंह मुंडा प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण हो सके उसकी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर किसानों के विकास को लेकर और राज्य को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभाग और सरकार काफी संवेदनशील है।
मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश में कृषि के क्षेत्र में कई कदम उठाए गए हैं। साथ ही चार साल पूरे होने के बाद राज्य के किसानों का रिपोर्ट कार्ड भी सरकार पेश करेगी साथ ही सभी किसानों की एक यूनिक आईडी बनाई जाएगी।