मुंबई: महाराष्ट्र में ऑल इंडिया किसान सभा (All India Kisan Sabha) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of India) के नेतृत्व में 10,000 के करीब आदिवासी किसान (Tribal Farmer) एक बार फिर लॉन्ग मार्च कर रहे हैं।
किसानों का यह मोर्चा नासिक से चलकर मुंबई आ रहा है। आजाद मैदान पर सभी धरना देंगे। वहीं शिंदे-फडणवीस सरकार (Shinde-Fadnavis government) किसान नेताओं के साथ बातचीत कर हल निकालने का प्रयास कर रही है, ताकि आंदोलन (Agitation) खत्म हो जाए।
किसानों की सबसे प्रमुख मांग विशेष रूप से प्याज के लिए लाभकारी मूल्य
मोर्चे में शामिल किसान नासिक से प्याज की कीमत सहित 17-पॉइंट डिमांड का चार्टर लेकर मार्च कर रहे हैं। किसानों की सबसे प्रमुख मांग विशेष रूप से प्याज के लिए लाभकारी मूल्य है।
प्याज के लिए 2000 रुपए प्रति क्विंटल और निर्यात नीतियों (Policies) में बदलाव के साथ-साथ 600 रुपए प्रति क्विंटल की तत्काल सब्सिडी (Subsidy) की मांग किसान कर रहे हैं।
किसानों ने म्हसरुल से मुंबई के लिए अपनी लंबी पैदल यात्रा शुरू कर दी
यात्रा में शामिल सभी किसान All India Kisan Sabha के बैनर तले नासिक में इकट्ठा हुए। साल 2018 के बाद नासिक में इस तरह का यह तीसरा आंदोलन है।
हालांकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मंत्रालय में वार्ता के लिए आयोजकों को आमंत्रित किया।
लेकिन इसे दरकिनार कर किसानों ने म्हसरुल से मुंबई के लिए अपनी लंबी पैदल यात्रा (Walking Tour) शुरू कर दी। अखिल भारतीय किसान सभा (Bharatiya Kisan Sabha) की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव (General Secretary) अजीत नवाले ने आरोप लगाया कि सरकार का इरादा किसानों को राहत देने का नहीं है।
किसान न्याय के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे
उन्होंने कहा, ‘प्याज के दाम जब भी गिरे हैं, वही पुरानी कहानी रही है। हम भी दूध उत्पादकों (Producers) के मुद्दे उठाते रहे हैं। लेकिन सरकार केवल आश्वासन (Assurance) दे रही है। हम लोगों को न्याय नहीं मिला है।
किसान न्याय के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे। हमारा मार्च उसी दिशा में एक कदम है। हम 20 मार्च तक मुंबई पहुंच जाएंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना की सब्सिडी बढ़ाने की मांग
मार्च कर रहे किसानों के द्वारा अन्य प्रमुख मांगों में किसानों की पूर्ण ऋण माफी, लंबित बिजली बिलों (Electricity Bills) को माफ करना और रोजाना कम से कम 12 घंटे बिजली मिले। बेमौसम बारिश और अन्य प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disasters) के कारण किसानों को हुए नुकसान के लिए सरकार और बीमा कंपनियों (Insurance Companies) द्वारा मुआवजा की मांग भी किसान कर रहे हैं।
मार्च कर रहे किसानों ने सभी वन भूमि, चरागाह, मंदिर, इनाम, वक्फ और बेनामी भूमि का कृषकों के नाम पर निहित करने की मांग भी रखी है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) की Subsidy को 1.40 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की मांग भी आंदोलनकारी कर रहे हैं।
जत्था लगभग 15 किलोमीटर आगे बढ़ चुका
वृद्धावस्था (Old Age) और विशेष पेंशन (Pension) राशि को 4000 रुपए प्रति माह तक बढ़ाना। 2005 के बाद शामिल हुए सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) के लिए पुरानी पेंशन योजना (Pension Scheme) बहाल करने की मांग।
ये किसान मुंबई-नाशिस हाईवे (Mumbai-Nashis Highway) पर पैदल चलते हुए मुंबई की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। यह जत्था लगभग 15 Km आगे बढ़ चुका है। इस मोर्चे में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं सभी शामिल हैं।