वाराणसी : इस माह के अंत तक देशवासियों को मां अन्नपूर्णा की 108 साल पूर्व चुराई गई मूर्ति के दर्शन हो सकते हैं।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआइ ने कनाडा से मां अन्नपूर्णा की मूर्ति वापस लाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
मूर्ति वापस लाने के लिए एएसआइ ने फाइन आर्ट ट्रांसपोर्ट हैंडलिंग कंपनियों से कोटेशन मांगे हैं।
मूर्ति को सत्यापित कर वाराणसी के उसी मंदिर में स्थापित किया जाएगा, जहां से यह 1913 में चुराई गई थी।
वाराणसी शहर में आज से लगभग 100 साल पहले चुराई गई अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा अब कनाडा वापस करने जा रहा है। यह मूर्ति करीब एक सदी पहले वाराणसी से चोरी हो गई मानी जा रही है।
कनाडा के मैकेंजी आर्ट गैलरी में मौजूद यह मूर्ति यह यूनिवर्सिटी आफ रेजिना के संग्रह का अब तक हिस्सा थी। गत 29 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में इस मूर्ति का जिक्र किया था।
उन्होंने कहा था कि मूर्ति कनाडा से वापस लाना काशी के लिए गर्व का पल होगा।
बीते दिनों 5 से 25 नवंबर तक वर्ल्ड हेरिटेज वीक की शुरुआत होने के दौरान भारतीय मूल की एक आर्टिस्ट दिव्या मेहरा की नजर मूर्ति पर पड़ी और उन्होंने इसका मुद्दा उठाया।
वर्ष 1981 में विंनिपेग, एमबी, कनाडा में जन्मी दिव्या मेहरा वर्तमान में विंनिपेग, कनाडा और नई दिल्ली, भारत में रह रही हैं।
उन्हीं के प्रयासों से यह मूर्ति देश में वापस लाने की सूरत बनी है। आर्टिस्ट दिव्या मेहरा ने इस मूर्ति को देखने के बाद मामला उठाया कि इसे अवैध रूप से कनाडा में लाया गया था।
वहीं सक्रियता के बाद उजागर हुआ कि मैकेंजी ने सौ साल पहले भारत की यात्रा की थी और उसी समय वह वाराणसी भी आए और यहां से कनाडा पहुंची मूर्ति के एक हाथ में खीर और दूसरे हाथ में अन्न मौजूद है।
माना जा रहा है कि यह मूर्ति काशी की अन्नपूर्णा मंदिर से चोरी कर पहुंचाया गया था।