तकनीकी रूप से कुशल बन रहे झारखंड के 11वीं-12वीं के स्टूडेंट्स, 11 प्रकार की…

राज्य शिक्षा परियोजना (State Education Project) के निर्देशानुसार समग्र शिक्षा के तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 11वीं व 12वीं के बच्चों के अंदर व्यावसायिक और तकनीकी कौशल विकसित करने के उद्देश्य से उन्हें 11 प्रकार की व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है।

Central Desk

Ranchi News: राज्य शिक्षा परियोजना (State Education Project) के निर्देशानुसार समग्र शिक्षा के तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 11वीं व 12वीं के बच्चों के अंदर व्यावसायिक और तकनीकी कौशल विकसित करने के उद्देश्य से उन्हें 11 प्रकार की व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है।

इनमें कृषि, परिधान, होम फर्निशिंग, ऑटोमोटिव, सौंदर्य और कल्याण, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर, हेल्थकेयर, IT-ITES, Multiskilling, मीडिया और मनोरंजन, खुदरा, पर्यटन और आतिथ्य शामिल हैं।

यह ट्रेड ओरिएंटेड कोर्सेज सभी कस्तूरबा विद्यालयों, 80 मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों के साथ-साथ आदर्श विद्यालयों में संचालित हैं, जिसका लाभ बच्चों को मिल रहा है। इससे बच्चों के भीतर व्यावसायिक व तकनीकी कौशल का विकास तो हो ही रहा है, साथ ही उनमें टीम मैनेजमेंट, लीडरशिप स्किल जैसे हुनर भी विकसित हो रहे हैं।

व्यावसायिक शिक्षा के प्रभाव से स्कूली बच्चे आधुनिक तकनीकों का बेहतर उपयोग कर रचनात्मक आविष्कार कर रहे हैं जिनमें साइकिल को Electric Bicycle में बदलने से लेकर आधुनिक अल्कोहल सेंसिंग अलर्ट सिस्टम बनाना शामिल है।

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धनबाद के ओम अग्रवाल और उनकी टीम ने बनाई इलेक्ट्रिक साइकिल

धनबाद के DAV 2 हाईस्कूल पाथरडीह के छात्र ओम अग्रवाल, शुभम कुमार और इमरान अंसारी ने ऑटोमोटिव विषय से व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर एक बैटरी से संचालित होने वाली इलेक्ट्रिक साइकिल का निर्माण किया है।

अपने कौशल से उन्होंने एक साधारण साइकिल को इलेक्ट्रिक साइकिल में रूपांतरित कर दिया है। यह इलेक्ट्रिक साइकिल विद्युत ऊर्जा पर आधारित है। इलेक्ट्रिक साइकिल के निर्माण के लिए स्कूल द्वारा बच्चों को कच्चा माल और उपकरण उपलब्ध कराया गया। इस इलेक्ट्रिक साइकिल में बैटरी स्टोरेज बॉक्स लगा है, जो साइकिल के सामने की तरफ मुख्य फ्रेम पर स्थित है, ताकि बैटरी का भार दोनों पहियों पर वितरित किया जा सके।

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इसमें तीन फेज BLDC हब मोटर 36 वोल्ट 350 वाट है, जो व्हील के पिछले हिस्से में लगा है। इसमें लिथियम बैटरी 36 वोल्ट 15 AH भी शामिल है, जो लंबे समय तक चलने वाली लिथियम बैटरी है।

इसमें 36 वोल्ट 350 वाट कंट्रोलर लगा है, जिसे इलेक्ट्रिक वाहन का दिमाग कहा जाता है। इन उपकरणों के अलावा इसमें कम ब्रेक, उच्च ब्रेक प्रणाली शामिल है। हेड लाइट, हॉर्न, इंडिकेटर, तीन स्पीड मोड, बैटरी इंडिकेटर मीटर और पैडल असिस्ट फंक्शन भी हैं। इन्हें साइकिल के सामने स्थापित किया गया है और स्विच हैंडल बार पर हैं। थ्रॉटलिंग फंक्शन हैंडल बार के दाहिने हाथ में स्थापित किए गए हैं।

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वाहन दुर्घटनाओं से बचने के लिए विकसित किया ‘इंजन लॉकिंग सिस्टम’

जिला मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय धनबाद के कक्षा 11 में पढ़ने वाले छात्र राहुल कुमार ने स्कूल में प्राप्त व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से वाहन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ‘इंजन लॉकिंग सिस्टम’ के मॉडल को विकसित किया है। राहुल ने इसके अलावा ‘Alcohol Sensing Alert’ सिस्टम को भी विकसित किया है। राहुल विगत तीन वर्षों से व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहा है।

अपने मॉडल के लिए राहुल को जिला शैक्षणिक प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित जिलास्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में प्रथम पुरस्कार भी मिला है। इसके अलावा ऑटोमोटिव कौशल विकास परिषद द्वारा आयोजित ओलंपियाड प्रतियोगिता में भी राहुल ने विद्यालय स्तर पर अपने जिले में उत्तीर्ण किया।

राहुल को IIT धनबाद की ओर से विनिर्माण केंद्र टेक्समिन में अपने मॉडल को प्रस्तुत करने का अवसर मिला, जहां टेक्समिन के शोधकर्ताओं ने राहुल के रचना की सराहना करते हुए उसमें निवेश की इच्छा जताई।