नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन का संकट काफी गंभीर हो चुका है।
दिल्ली और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में ऑक्सीजन न मिलने की वजह से मरीजों की मौतें हो रही हैं लेकिन सरकारी कागजों की मानें तो देश के 19 राज्यों को पर्याप्त क्षमता में ऑक्सीजन मिल रही है।
यह स्थिति तब है जब केंद्र सरकार के मंत्री और सचिव 110 फीसदी ऑक्सीजन उपलब्ध होने का दावा कर रहे हैं। देश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। राज्यों को उनकी मांग को पूरा किया जा रहा है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल भी हाल ही में 110 फीसदी ऑक्सीजन होने का दावा कर चुके हैं।
दस्तावेजों के अनुसार 19 राज्यों को उनकी मांग के अनुसार ऑक्सीजन मिल रहा है।
इनमें से कुछ राज्यों को मांग से ज्यादा भी मिल रही है। जबकि तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा तीन ऐसे राज्य हैं जहां उनकी मांग से कम ऑक्सीजन पहुंच पा रहा है।
तमिलनाडु ने 280 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की प्रतिदिन मांग की है लेकिन उन्हें 220 मीट्रिक टन ही मिल पा रहा है।
गुजरात में 1 हजार की जगह 975 और हरियाणा में 180 की जगह 160 मीट्रिक टन आवंटन हुआ।
इन राज्यों की मांग को ही देखें तो तमिलनाडु को 21.4, गुजरात को 2.5 और हरियाणा को करीब 10 फीसदी कम ऑक्सीजन मिल पा रही है।
ऑक्सीजन की कमी को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर गठित समिति के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि देश में ऑक्सीजन का उत्पादन अब आठ हजार मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है लेकिन राज्यों से मांग अधिक है।
देश के 22 राज्यों में हालात गंभीर हैं। इसलिए यहां से 8331 मीट्रिक टन की मांग पिछले एक दिन में प्राप्त हुई है।
हालांकि इनमें से रविवार शाम तक 8280 मीट्रिक टन ही ऑक्सीजन उपलब्ध करवा सके हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने राज्यों को आवंटित ऑक्सीजन में 22 फीसदी की बढ़ोतरी तक की है।