चेन्नई: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत 35.72 करोड़ रुपये की क्रेडिट धोखाधड़ी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जीएसटी के प्रमुख आयुक्त और केंद्रीय उत्पाद शुल्क (चेन्नई आउटर) ने सोमवार को यह जानकारी दी।
यहां जारी एक बयान में, प्रमुख आयुक्त जी. रवींद्रनाथ ने कहा कि जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग ने वेल्लोर जिले के पेरनामबट से 32 वर्ष की आयु के दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
इन लोगों की गिरफ्तारी विस्तृत जांच और साक्ष्य जुटाने के लिए लगभग 50 खोजबीन के बाद 13 नवंबर को हुई। एक स्थानीय अदालत ने उन्हें 27 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इन दोनों ने अन्य के साथ मिलकर कुछ अन्य व्यक्तियों के नाम पर जीएसटी पंजीकरण लिया था। इन्होंने व्यक्तियों से पहचान-संबंधी दस्तावेज खरीदने के बाद या तो उन्हें नकद भुगतान किया या फिर किराने का सामान दे दिया।
ऐसी काल्पनिक कंपनियों का उद्देश्य जीएसटी क्रेडिट धोखाधड़ी करना था।
इन फर्जी कंपनियों ने विभिन्न व्यापारिक संस्थाओं को बिना किसी सामान या सेवाओं की आपूर्ति के, बिना कमीशन के, इन व्यापारिक संस्थाओं को जीएसटी क्रेडिट के लिए धोखाधड़ी करने के लिए कर चालान जारी किए।
ऐसे फर्जी चालान पर जीएसटी का भुगतान भी गिरफ्तार व्यक्तियों द्वारा कुछ अन्य फर्जी कंपनियों से प्राप्त फर्जी टैक्स चालान के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का उपयोग करके किया गया था।
इस प्रक्रिया में गिरफ्तार व्यक्तियों ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 401 करोड़ रुपये के चालान मूल्य पर 35.72 करोड़ रुपये की जीएसटी क्रेडिट धोखाधड़ी को अंजाम दिया।
अब जांच इस बात पर केंद्रित हो रही है कि क्या किसी कर व्यवसायी ने गिरफ्तार लोगों को इन धोखाधड़ी के लिए निर्देश तो नहीं दिए थे।