16 officers hide assets, Chhavi Ranjan in jail : झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के दो और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 14 अधिकारियों ने वर्ष 2024 के लिए अपनी संपत्ति का ब्योरा अब तक जमा नहीं किया है।
केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी IAS और IPS अधिकारियों को हर साल 31 जनवरी तक अपनी अचल और चल संपत्ति का विवरण भारत सरकार को देना अनिवार्य है। झारखंड में इस नियम का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों की सूची ने प्रशासनिक हलकों में चर्चा को जन्म दिया है।
IAS अधिकारियों की स्थिति
झारखंड कैडर के 147 IAS अधिकारियों में से 145 ने अपनी संपत्ति का ब्योरा भारत सरकार को सौंप दिया है। हालांकि, दो अधिकारियों—2011 बैच के छवि रंजन और 2020 बैच की रीना हंसदक-ने अभी तक विवरण जमा नहीं किया है।
छवि रंजन वर्तमान में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में जेल में हैं, जिसके कारण उनका ब्योरा जमा न करना चर्चा का विषय बना है।
झारखंड की सबसे वरिष्ठ IAS अधिकारी अलका तिवारी (1988 बैच), जो वर्तमान में मुख्य सचिव हैं, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने समय पर अपना ब्योरा जमा कर दिया है।
केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर तैनात IAS अधिकारी, जैसे शैलेश कुमार सिंह, निधि खरे, सुनील कुमार बर्णवाल, आराधना पटनायक, केके सीन, राहुल शर्मा, और हिमानी पांडेय ने भी अपनी संपत्ति का विवरण दे दिया है। 2024 बैच के IAS अधिकारी, जो अभी प्रशिक्षण (प्रोबेशन) पर हैं, ने भी ब्योरा जमा किया है।
झारखंड कैडर के 125 IPS अधिकारियों में से 111 ने अपनी संपत्ति का ब्योरा जमा कर दिया है, जबकि 14 अधिकारियों ने अभी तक विवरण नहीं दिया है।
ये हैं वो नाम
1997 बैच: टी. कंडास्वामी
2011 बैच: मनीलाल मंडल
2014 बैच: अरविंद कुमार सिंह, सिद्दीक अनवर रिजवी, प्रभात कुमार
2016 बैच: अजय कुमार सिन्हा, अजीत कुमार, दीपक कुमार पांडेय, पूज्य प्रकाश, शाहदेव साव
2017 बैच: आरिफ एकराम
2023 बैच: शुभम मीणा, बिपिन दुबे
इनमें से कुछ अधिकारी वरिष्ठ पदों पर तैनात हैं, और उनके ब्योरे की देरी ने सवाल खड़े किए हैं।
संपत्ति ब्योरा क्यों है जरूरी?
केंद्र सरकार के नियमों के तहत, सभी अखिल भारतीय सेवा (AIS) अधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन पोर्टल (SPARROW – Smart Performance Appraisal Report Recording Online Window) के माध्यम से जमा करना होता है। इसमें अचल संपत्ति (जमीन, मकान), चल संपत्ति (बैंक बैलेंस, गहने, वाहन), और अन्य निवेशों का विवरण शामिल होता है। यह प्रक्रिया पारदर्शिता, जवाबदेही, और भ्रष्टाचार पर निगरानी के लिए अनिवार्य है।
झारखंड में IAS और IPS
झारखंड में वर्तमान में 147 IAS और 125 IPS अधिकारी तैनात हैं। इनमें से कई केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं, जबकि कुछ प्रोबेशन पर हैं। अलका तिवारी (1988 बैच) राज्य की सबसे वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, जो मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत हैं। IPS अधिकारियों में 1997 बैच के टी. कंडास्वामी सबसे वरिष्ठ हैं, लेकिन उनका ब्योरा न देना सवाल उठा रहा है।