Risaldar baba ranchi dalna milega photo
रांची: हजरत कुतुबुद्दीन रिसालदार शाह बाबा का (Hazrat Qutubuddin Risaldar Shah Baba) 215वां पांच दिवसीय सालाना उर्स गुरुवार की सुबह कुरानख्वानी (Qurankhawani), मीलादख्वानी (Miladakhwani), गुसलख्वानी (Guslakhwani) और परचम कुसाई के साथ शुरू हुआ।
इसके बाद दोपहर में दरगाह कमेटी के अध्यक्ष हाजी अब्दुल रऊफ गद्दी के घर से शाही संदल और चादर निकाली गई, जो विभिन्न मुहल्लों से होती हुई मजार शरीफ पहुंची और असर नमाज के बाद चादरपोशी की गई।
इसके बाद अन्य लोगों ने चादरपोशी की शाम में कव्वाली का कार्यक्रम (Kawali Program) हुआ।
मिर्गी व एग्जिमा आदि दूर हो जाती हैं
दरगाह के खादिम कामयाब शाहरवासी ने बताया कि रिसालदार बाबा का संदल और पानी के साथ गुसल (स्नान) हुआ।
लोगों ने इस पानी को पीया मान्यता है कि गुसल के पानी (Gulsan Water) को पीने से लाइलाज बीमारी (Terminal Illness) जैसे कुष्ट रोग(Leprosy), मिर्गी व एग्जिमा (Epilepsy and Eczema) आदि दूर हो जाती हैं।
यहां तक कि बाबा के पानी से आंख की रोशनी भी वापस आ जाती है। नसीमुल हक सरफराज ने बताया कि यहां चादरपोशी मुस्लिम, हिंदू, सिख, ईसाई सभी करते हैं और मन्नते मांगते हैं।