रांची: कोरोना जांच में लगे 244 विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर (वीएलई) को हटा दिया गया है। ये कर्मी कोरोना जांच सहित वैक्सीनेशन के काम में भी लगे थे।
इसे लेकर रांची सदर अस्पताल के सिविल सर्जन के स्तर से आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि इन कर्मियों से एक मार्च से सेवा नहीं ली जाएगी।
इस संबंध में जानकारी देते हुए सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने बताया कि इनके मानदेय भुगतान के लिए किसी भी स्तर से फंडिंग नहीं थी, जिस कारण इनके मानदेय के भुगतान में दिक्कत हो रहा है।
पहले इन कर्मियों के वेतन का भुगतान कोविड के फंड से किया जा रहा है। इस बार स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी फंड में यह स्पष्ट किया गया था कि वे कोविड के किसी भी काम में इस फंड का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि कोविड जांच और वैक्सीनेशन के काम के लिए सदर अस्पताल के पास पर्याप्त मानवबल हैं। 50-50 नर्सों की टीम है, जो कोरोना जांच और कोविड वैक्सीनेशन के काम में लगी रहेगी।
जांच कराने बहुत कम लोग आ रहे हैं। कोरोना जांच में लगे कर्मियों ने बताया कि वे अब अपने वेतन भुगतान को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात करेंगे। क्योंकि इससे पहले वे सिविल सर्जन, एमएचएम के निदेशक तक से मिल चुके हैं पर उनके मानदेय का भुगतान नहीं हो सका है।
उल्लेखनीय है कि कोविड काल के दौरान जांच के काम में लगे 244 कर्मियों को हटा दिया गया है। कर्मियों को तीन महीने का वेतन भी नहीं मिला है। अब बिना वेतन दिए ही इन कर्मियों को हटाने का आदेश सिविल सर्जन के स्तर से जारी कर दिया गया है।